PM मोदी की कम नहीं हुई लहर, 21 राज्यों में बीजेपी या गठबंधन की बनी है सरकार

नईदिल्ली

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन इस बार बीजेपी अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल नहीं हुई। लेकिन इस जीत के बाद कांग्रेस के साथ विपक्ष ने माना की अब मोदी लहर खत्म हो रही है लेकिन तीसरे कार्याकल के बाद हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम देखकर इस बात को नकारा नहीं जा सकता की मोदी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 8 राज्यों- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव लड़ा। इसमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, ओडिशा, हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा या गठबंधन की सरकार बनी है।

21 राज्यों में NDA की सरकार

दिल्ली: दिल्ली चुनाव में भाजपा ने 26 साल बाद सत्ता में वापसी की है। पार्टी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज करी है और अब सीएम के नाम का ऐलान करने की तैयारी शुरू हो गई है।

हरियाणा: हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 सीटों में से भाजपा ने 48 सीटों पर दर्ज की थी। हरियाणा में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनी है। नायब सिंह सैनी हरियाणा के 19वें मुख्यमंत्री हैं।

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। वे 2017 में पहली बार और 2022 में दूसरी बार यूपी के सीएम बने थे। अब अगला विधानसभा चुनाव 2027 में है।

उत्तराखंड: उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में 70 सीटों में से भाजपा को 47 सीटों पर जीत मिली। पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री हैं। अगला विधानसभा चुनाव 2027 में है।

बिहार: बिहार में NDA सरकार है और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं।

ओडिशा: 2024 में ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की। ओडिशा के वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी हैं।

राजस्थान: राजस्थान में भाजपा ने 200 सीटों में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भजनलाल शर्मा राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं।

गुजरात: गुजरात में 182 सीटों में से 156 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भूपेंद्र पटेल मौजूदा मुख्यमंत्री हैं।

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में 288 सीटों में भाजपा को 132 सीटों पर जीत मिली। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री हैं। शिंदे और अजित पवार को डिप्टी सीएम है।

गोवा: 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में भाजपा को 26 सीटे मिली और प्रमोद सावंत NDA के मुख्यमंत्री हैं।

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को 230 में से 163 सीटों पर जीत मिली थी। मोहन यादव वर्तमान मुख्यमंत्री हैं।

छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में 54 सीटों पर जीत दर्ज की। मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हैं।

आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में NDA की सरकार है और चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री हैं।

असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है।

मेघालय, सिक्किम और नगालैंड में एनडीए गठबंधन की सरकारें हैं।

3 साल में 21 राज्यों में चुनाव

2026 में पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु और केरल में चुनाव होंगे।

2027 में गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव है। 2

2028 में नगालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल हैं।

मध्य और पश्चिमी भारत में एनडीए का दबदबा

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ-साथ महाराष्ट्र और गुजरात में भी बीजेपी की सरकार है. 2022 में गुजरात और 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. महाराष्ट्र में नवंबर 2024 में बीजेपी नीत एनडीए ने जीत हासिल की थी.

इसी तरह उत्तर भारत के बिहार और उत्तर प्रदेश में एनडीए का कब्जा है. झारखंड और पश्चिम बंगाल में इंडिया की सरकार है. दक्षिण भारत की 5 में से 4 राज्यों में इंडिया की सरकार है. केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में इंडिया तो आंध्र में एनडीए की सरकार है.

140 करोड़ आबादी, 92 पर NDA का शासन

देश की आबादी अभी 140 करोड़ के आसपास है. दिल्ली में जीत के बाद एनडीए का शासन 92 करोड़ लोगों पर हो गया है. 10 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले उत्तर प्रदेश (24 करोड़), महाराष्ट्र (12 करोड़) और बिहार (12 करोड़) में एनडीए का ही शासन है. 10 करोड़ या उससे ज्यादा की आबादी वाले किसी भी राज्य में इंडिया की सरकार नहीं है.

5 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले 7 में से 4 राज्यों में एनडीए की सरकार है. वहीं तीन राज्यों में इंडिया की सरकार है. 5 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले पश्चिम बंगाल (9 करोड़), तमिलनाडु (7 करोड़) और कर्नाटक (6 करोड़) में इंडिया गठबंधन की सरकार है.

इसी तरह आंध्र प्रदेश (5 करोड़), गुजरात (6 करोड़), मध्य प्रदेश (8 करोड़) और राजस्थान (8 करोड़) में एनडीए की सरकार है. वहीं 1-5 करोड़ आबादी वाले राज्यों की बात की जाए तो 10 राज्यों में से 6 में एनडीए और 4 में इंडिया की सरकार है.

असम (3.5 करोड़), छत्तीसगढ़ (3 करोड़), दिल्ली (1.87 करोड़), हरियाणा (2.8 करोड़) जैसे राज्यों में एनडीए की सरकार है. मेघालय में 33 लाख के आसपास आबादी है. यहां किसी भी गठबंधन की सरकार नहीं है.
पहली बार 21 राज्यों में एनडीए की सरकार

साल 2018 के मध्य में बीजेपी सत्ता के शीर्ष पर थी. उस वक्त पार्टी के पास 20 राज्यों की सरकार थी. इनमें पूर्वोंत्तर के सभी 7 राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और महाराष्ट्र की सरकार शामिल थी.

इसके बाद बीजेपी का परफॉर्मेंस लगातार गिरता ही रहा. 7 साल बाद अब बीजेपी ने अपने 20 राज्यों वाला रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.

भगवा लहर में AAP के दिग्गज धराशायी
भगवा लहर में आप के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सौरभ भारद्वाज, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन सहित पार्टी के कई बड़े नेता चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री आतिशी को भी कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा, लेकिन वह लगभग 3,500 मतों से चुनाव जीतने में सफल रहीं।

कांग्रेस को फायदा, मत फीसद बढ़ा
कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। उसका मत प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन लगातार तीसरे चुनाव में भी उसका खाता नहीं खुल सका।

AAP के वोटरों में BJP ने ऐसे लगाई सेंध
वर्ष 2014 व वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सातों सीटें जीतने के कुछ माह बाद हुए विधानसभा चुनावों में उसे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए पार्टी इस बार सतर्क थी और लोकसभा चुनाव के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी थी। आप का मजबूत वोट बैंक समझी जाने वाली झुग्गी बस्तियों में पार्टी ने जून से ही जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया था।

इसके साथ ही केजरीवाल व आप सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को पार्टी ने मुद्दा बनाना शुरू कर दिया था। शराब घोटाला, शीशमहल जैसे मुद्दे जोरशोर से उठाए शराब घोटाला और शीशमहल के मामले को पार्टी ने जोरदार ढंग से उठाया।

चुनाव प्रचार शुरू होने पर भ्रष्टाचार के आरोपों को और धार दिया गया। पीएम मोदी ने दिल्ली की बदहाली के लिए आप सरकार के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे आप-दा कहकर संबोधित किया। उन्होंने विश्वस्तरीय दिल्ली बनाने के लिए आप-दा से मुक्ति का आह्वान करते हुए दिल्लीवासियों से सेवा का मौका देने की अपील की।

 

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