नईदिल्ली
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन’ भारत की परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने, निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और उन्नत परमाणु तकनीक को स्थापित करने की एक बड़ी योजना है।
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि केंद्रीय बजट में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के अनुसंधान और विकास के लिए ₹20,000 करोड़ का आवंटन किया गया है। सरकार का लक्ष्य 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी SMR को चालू करना है।
उन्होंने कहा कि यह पहल 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप है। यह कदम कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ एवं सस्टेनेबल ऊर्जा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डॉ. सिंह ने परमाणु उद्योग में निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति देने को गेमचेंजर बताया और कहा कि इससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता के साथ-साथ भारत को वैश्विक परमाणु प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने में मदद मिलेगी।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जिस तरह स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोला गया, उसी तरह परमाणु क्षेत्र में भी सुधारों से नवाचार और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा भारत की ऊर्जा रणनीति की आधारशिला बनेगी, जिससे देश तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। –