पार्वती नदी पर नया पुल बनाया जाएगा, 100 किमी का चक्कर बचेगा

 राजगढ़

 मध्यप्रदेश में पार्वती नदी पर नया पुल बनाया जाएगा। इसके लिए एमपीआरडीसी ने 15 करोड़ रुपए की लागत के पुल का प्रस्ताव भोपाल भेजा है। नरसिंहगढ़ भोपाल रोड पर पार्वती का पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है। फिलहाल पार्वती नदी में ही वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है, जिससे आवाजाही चल रही है। बारिश में यह वैकल्पिक मार्ग बंद हो जाएगा जिससे लोगों को 100 किमी तक का फेरा लगाकर आना जाना करना होगा। नया पुल ये फेर खत्म कर देगा लेकिन बारिश के पहले इसका निर्माण नामुमकिन सा काम है।

क्षतिग्रस्त पार्वती पुल के कारण नरसिंहगढ़ क्षेत्र के लिए परेशानी बढ़ी है। वर्तमान में नदी में बनाए गए वैकल्पिक मार्ग से वाहन निकल रहे हैं पर बरसात के समय यह पूरा ट्रैफिक बंद हो जाएगा और रूट डायवर्ट होगा।

दरअसल, नरसिंहगढ़ से बैरसिया होते हुए भोपाल, विदिशा पहुंचाने वाला यह प्रमुख मार्ग है। साथ ही आसपास के कई गांवों के किसानों का आनाजाना भी इसी मार्ग से है। ऐसे में पुल बंद रहने से काफी काम प्रभावित होगा। नरसिंहगढ़ के व्यापार और मंडी जगत में भी इससे खासी दिक्कत होगी।

एमपीआरडीसी ने इस बीच 15 करोड़ की लागत से नया पुल प्रस्तावित किया है। यह प्रस्ताव भोपाल भेज दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार अभी विभागीय स्तर पर डीपीआर बनवाई जा रही है। इसमें स्वीकृति के बाद लगभग छह माह का समय लगना है। ऐसी स्थिति में बरसात में लोगों को वैकल्पिक मार्गों से कई किमी का चक्कर लगाकर ही जाना होगा। नदी में बना मार्ग सिर्फ गर्मी के सीजन तक ही चालू रहेगा। बरसात चालू होते ही पावर्ती में पानी आते ही पूरा रूट डायवर्ट करना होगा।

नरसिंहगढ़ मंडी प्रभावित होगी
प्रमुख मार्ग बंद रहने के कारण नरसिंहगढ़ के कारोबार में खासी दिक्कत आ सकती है। किसानों की बड़ी फजीहत होगी। वे सीधे पार्वती नदी से होकर नरसिंहगढ़ नहीं पहुंच पाएंगे, जिसके चलते यहां की मंडी भी प्रभावित होगी। डायवर्टेड रूट पर आने में भी उन्हें परेशानी होगी, इतनी दूरी तक उपज लेकर पहुंचना भी मुश्किल होगा।

विदिशा के लिए 80 से 100 किमी का चक्कर
पार्वती नदी पुल के एक छोर पर राजगढ़ जिला और दूसरे पर भोपाल जिला आ जाता है। नरसिंहगढ़ से करीब आठ किलोमीटर दूरी पर यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। दूसरी पार के कई गांवों के किसानों का सीजन के दौरान मंडी में आनाजाना लगा रहता है। उनके सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी।

बारिश के दौरान जब रूट डायवर्ट होगा तब यदि किसी को विदिशा जाना है तो भोपाल या ब्यावरा होकर जाना होगा। भोपाल होकर जाने में विदिशा की नरसिंहगढ़ से 80 किमी की दूरी बढ़कर 135 किमी की हो जाएगी। यदि ब्यावरा होकर जाएं तो यह दूरी और भी बढ़कर 165 किमी की हो जाएगी।

स्वीकृति के बाद भी कम से कम छह माह लगेंगे
एमपीआरडीसी, भोपाल के ईई सोनल सिन्हा ने बताया कि करीब 15 करोड़ की लागत से नया पुल प्रस्तावित है। यह वरिष्ठ कार्यालय में प्रोसेस में है। स्वीकृति के बाद भी कम से कम छह माह का समय इसमें लगता ही है। ऐसे में फिलहाल वैकल्पिक मार्ग ही एक माध्यम है। बारिश के दौरान रूट डायवर्ट करना ही एक मात्र विकल्प है।

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