इंदौर
सोमवार को राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बताना था कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के दौरान कोई घटना होती है तो उसके पास क्या इंतजाम हैं। इस आशंका के चलते उसने क्या तैयारी की है, लेकिन न्यायमूर्ति के अवकाश पर होने की वजह से सुनवाई टल गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने तत्काल ही शीघ्र सुनवाई का आवेदन दे दिया जिस मंगलवार सुबह सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की है। याचिका में कहा है कि सरकार बगैर पर्यावरण और स्वास्थ्य के नियमों का पालन किए यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने जा रही है।
कचरा जलाने की प्रक्रिया नौ माह तक चलेगी। जिस जगह पर कचरा जलाया जाना है उससे 250 मीटर दूरी पर एक गांव है। एक किमी के दायरे में अन्य गांव हैं।
इन गांवों के ग्रामीणों को वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं करवाया गया है। सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए भी काम नहीं किया है।
अगर कोई हादसा होता है तो पीथमपुर में अस्पताल तक नहीं है। किसी अनहोनी की स्थिति में बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। कई मुद्दे हैं जिन पर बात करना आवश्यक है।
27 को जलाया जाएगा कचरा
मिश्र ने बताया कि 27 फरवरी से पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने की शुरुआत होने जा रही है। शीघ्र सुनवाई के आवेदन में हमने कहा है कि 26 फरवरी को न्यायालय का अवकाश है।
अगर मंगलवार को मामले में सुनवाई नहीं की गई तो गुरुवार सुबह से कचरा जलना शुरू हो जाएगा और याचिका निर्थक हो जाएगी इसलिए मामले में मंगलवार को ही सुनवाई की जाए।