छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद पहली बार होगा हरेली त्यौहार का सरकारी आयोजन

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में हरेली, तीजा, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा के दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। हरेली तिहार का सरकारी आयोजन कर छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति परंपरा आहार विहार के साथ न्याय किया। राज्य सरकार के हरेली तिहार आयोजन में प्रदेश कांग्रेस के जिला संगठन, ब्लाक संगठन, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, युवक कांग्रेस, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ सहित सभी मोर्चा, प्रकोष्ठ, विभाग एवं आमजन शामिल होंगे। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ महतारी के श्रृंगार का तिहार है। हरेली तिहार धान के कटोरे के हरे भरे होने का संदेश मिलता है। छत्तीसगढ़ की सुख समृद्ध सौभाग्यशाली उन्नतशील होने की प्रतीक है हरेली तिहार। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की मांग हमारे पुरखों ने इसलिए भी की थी कि छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति परंपरा आहार-विहार को देश में एक अपना अलग स्थान मिले। लेकिन 15 साल तक राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने शासन किया और छत्तीसगढ़ के परंपरा कला संस्कृति त्यौहार आहार-विहार को विलुप्त करने की साजिश ही की। छत्तीसगढ़ के साथ भाजपा ने अन्याय किया है। कांग्रेस सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसान पुत्र है। छत्तीसगढ़ माटी की खुशबू कला, संस्कृति परंपरा आहार-विहार को देश के कोने-कोने से लेकर विदेश तक पहुंचाने प्रयास कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार से त्यौहारों की श्रृंखला शुरू होती है हरेली का तात्पर्य हरियाली से होता है जब खेत खलियान बाग बगीचों में प्रकृति की सुंदरता छठा बिखेरती है जब खेत खलिहान में फसल लहलहाती है तब किसानों के चेहरे में खुशियां दिखती है यह किसानों की सौभाग्य और उन्नति और सामाजिक समरसता की दायित्व को पूर्ति करने वाला पल होता है। हरेली से हरियाली का सीधा सरोकार है और छत्तीसगढ़ महतारी की शृंगार का तिहार है हरेली। किसान फसल लगाकर जो छत्तीसगढ़ महतारी का शृंगार करते है उस कार्य में सहयोग करने वाले गोवंश हल गेंती रापा कुदाली बसूला सहित सहयोगियों को आभार व्यक्त करना ही हरेली त्यौहार का मूल मंत्र है। छत्तीसगढ़ का व्यंजन चीला, फरा, पपची, गुलगुला, आमरस बनाकर पूरे परिवार के साथ बैठकर इस त्योहार का आनंद लिया जाता है। गेड़ी दौड़, गेड़ी डांस, गिल्ली डंडा, भंवरा, बिल्लस, पिटठूल सहित अनेक खेल का आयोजन कर एक तिहार मनाया जाता है।

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