नवरत्नों में डायमंड एवं ओपल रत्न की विशेषता

卐 जय महाकाल 卐

प्रिय पाठको,

पिछले अंक में हमने देवताओं के गुरु बृहस्पति के रत्न पुखराज के बारे में जाना था। आज हम असुरों के गुरु शुक्र देव के रत्न डायमंड एवं उपरत्न ओपल के बारे में जानेंगे।

शुक्र देव को ऐश्वर्या भोग विलास सुख धन संपदा एवं लग्जरियस का कारक ग्रह माना जाता है। शुक्र देव स्वयं लक्ष्मी स्वरूप माने गए हैं, इनके अलावा शुक्र देव को वैवाहिक सुख का भी अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है, कुंडली में खराब शुक्र की स्थिति हमें इन सारी चीजों से वंचित कर देती है।

शुक्र देव के रत्न डायमंड अथवा ओपल पहनने से हमें जीवन में समस्त प्रकार के वैभव सुख संपदा लग्जरियस भोग विलास की प्राप्ति होती है डायमंड यह ऐसा रत्न है जिसके सिर्फ नाम मात्र से ही उच्च वैभव तथा संपन्नता का एहसास होता है अगर आपकी कुंडली में शुक्र शुभ कारक होकर पीड़ित अवस्था में है अथवा अन्य कारणों से भी आप इन सब की कमी महसूस करते हैं तो शुक्र देव को बलवान करने हेतु उनका प्रबल रत्न डायमंड को धारण करना चाहिए, समाज में डायमंड धारण करने वाले व्यक्ति को संपन्नता तथा वैभवशाली माना जाता है।

डायमंड एक ऐसा रत्न है जिसका शरीर में टच होना जरूरी नहीं माना गया है उसे मात्र धारण करने से अथवा रख भी लेने से उसके प्रभावों का लाभ हमें प्राप्त होने लग जाता है डायमंड रत्न को वैभव संपन्नता का प्रतीक माना जाता है यह रत्न काफी महंगा होने के कारण आम आदमी की पहुंच से बाहर रहता है अतः आम आदमी को भी शुक्र का लाभ पहुंचाने के लिए शुक्र देव का उपरत्न ओपल माना गया है ओपल भी धारण करने से व्यक्ति को सर्व रूप से शुक्र देव के समस्त कारक तत्व की प्राप्ति संभव होती है यह ओपल थोड़ा बड़ा होने के कारण धारण करने में परेशानी हो सकती है।

शुक्र देव का रत्न ओपल अथवा डायमंड धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य को अपनी कुंडली अवश्य दिखा देनी चाहिए शुक्र देव की शुभ स्थिति एवं कारक होने से ही शुक्र देव का रत्न धारण करना चाहिए त्रिक भाव में बैठे हुए शुक्र देव का रत्न धारण नहीं करना चाहिए वैसे शुक्र देव बारहवें घर में बैठकर व्यक्ति को जीवन में सर्वाधिक सफलता प्रदान करने वाले माने गए हैं ऐसा व्यक्ति जीवन में समस्त प्रकार के सुखों को ऐश्वर्या को भोगने वाला माना गया है ऐसे व्यक्ति जीवन में समस्त लग्जरियस प्राप्त करता है शुक्र देव की स्थिति कुंडली में किस प्रकार की है यह जानने के बाद ही उनका रत्न धारण करना चाहिए।

किसी भी व्यक्ति को वैवाहिक सुख की प्राप्ति शुक्र देव के बिना असंभव मानी गई है वैवाहिक सुख हेतु कुंडली में शुक्र देव का बली होना जरूरी है समस्त प्रकार के धनसंपदा ऐश्वर्या प्रदान करने वाला शुक्र ग्रह माना गया है इनको बली करने से हमें इन सारी चीजों की प्राप्ति सहज ही संभव हो जाती है अतः हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए यह हमारी कुंडली में शुक्र देव की क्या स्थिति है पीड़ित सुखदेव के लिए हमें उनके रत्नों को धारण कर मजबूती प्रदान करनी चाहिए।

अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में ऐश्वर्य भोग लग्जरी और वैवाहिक सुख, धन संपदा बिना शुक्र के संभव नहीं है अतः कुंडली में शुक्र की स्थिति अनुसार उनका रत्न धारण करके समस्त भोगों को प्राप्त किया जा सकता है जिसके लिए कुंडली का अध्ययन अत्यंत ही आवश्यक है बिना कुंडली अध्ययन किए रत्न धारण नहीं करें अगर आप भी अपनी कुंडली के बारे में जानना चाहते हैं तो मुझे मेरे नीचे लिखे हुए नंबर पर संपर्क करें तथा कुंडली से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त करें।

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