मंगलवार की दोपहर प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई। राजधानी रायपुर में करीब 30 मिनट तक हुई बारिश में निचली बस्तियों और कॉलोनी में पानी भर गया। हालांकि, बारिश का मौसम शुरू होने से पहले इस स्थिति पर काबू पाने के दावे नगर निगम की तरफ से किए गए थे। जलविहार कॉलोनी के एक हिस्से में बच्चे सड़क पर गोता लगाते दिखे। सड़क पर तालाब जैसे हालात थे। दंतेवाड़ा में कुदरती हादसे में 17 गायों की जान चली गई। यहां के जबेली पटेलपारा में पेड़ के नीचे खड़ी गायों पर बिजली आ गिरी जिसकी वजह से यह हादसा हो गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने घटना स्थल का मुआयना किया। बैकुंठपुर से भी 12 गायों की इसी तरह मौत होने की खबर आई। यहां भरतपुर तहसील के माड़ीसरई से लगे मेहदौली गांव में दोपहर के वक्त तेज आवाज के साथ बिजली गिरी। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के डिप्टी रेंजर और पटवारी मौके पर पहुंचे। यहां मृत पड़े मवेशियों के बारे में जानकारी ली गई। ग्रामीणों को अब मुआवजा दिया जाएगा। बारिश तेज हुई तो मवेशी पेड़ों के नीचे आ गए। बिजली गिरने की वजह से सभी की मौके पर ही मौत हो गई।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून द्रोणिका हिमालय के तराई में स्थित है। एक द्रोणिका बिहार से उत्तर तटीय ओडिशा तक 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। प्रदेश में इसी वजह से कई जगहों पर बारिश हुई। जशपुर, कसडोल के इलाके भी सराबोर हुए। कल बुधवार 29 जुलाई को भी दिन भर इसी तरह के हालात बने रहने की चेतावनी मौसम विभाग की ओर से जारी की गई है। मौसम विभाग ने बताया कि है कि कुछ जगहों पर बिजली भी गिर सकती है।