राफेल: सीमा नहीं करेगा पार, खाली नहीं जाएगा वार, चीन-पाक में 600 किमी तक मचा देगा तबाही

अंबाला में राफेल की तैनाती के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) की सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी। फिलहाल तैनाती के 7 दिन के भीतर ही राफेल को एलएसी पर तैनात किया जाना है। इसके साथ-साथ एलओसी पर भी राफेल वहीं से पूरी निगरानी रखेगा। दुश्मनों से चल रही तनातनी के बीच यह फैसला लिया गया है।

इंडियन एयरफोर्स ने पहले राफेल की स्क्वाड्रन को राजस्थान के जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात करने की योजना बनाई थी। इसके लिए वहां तैयारियां भी शुरू कर दी गई थी। जैसे-जैसे पाकिस्तान के अलावा चीन से भी तल्खियां बढ़ती गई। राफेल की स्क्वाड्रन को वहां से अंबाला शिफ्ट कर दिया गया। ऐसा करने से इंडियन एयरफोर्स के वेस्टर्न एयर कमांड के अग्रिम मोर्चे सुरक्षा के लिहाज से और मजबूत हो गए हैं।

बिना सरहद पार किए नेस्तनाबूद करेगा दुश्मन के ठिकाने
राफेल एयरक्राफ्ट बिना सरहद पार किए दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखता है। बिना एयर स्पेस बॉर्डर क्रॉस किए राफेल पाकिस्तान और चीन के भीतर 600 किलोमीटर तक के टारगेट को पूरी तरह से प्रभात करने की क्षमता रखता है। यानी अंबाला से 45 मिनट में बॉर्डर पर राफेल की तैनाती और फिर वहीं से टारगेट लोकेट कर पाकिस्तान और चीन में भारी तबाही का इंतजाम इंडियन एयरफोर्स ने कर लिया है।

100 किमी के दायरे में 40 टारगेट एक साथ पकड़ेगा…
एक बार एयरबेस से उड़ान भरने के बाद राफेल की एक बड़ी खासियत यह भी है कि 100 किलोमीटर के दायरे में राफेल 40 टारगेट एक साथ पकड़ेगा। इसके लिए विमान में मल्टी डायरेक्शनल रडार फिट किया गया है। यानी 100 किलोमीटर पहले से ही राफेल के पायलट को मालूम चल जाएगा कि इस दायरे में कोई ऐसा टारगेट है। जिससे विमान को खतरा हो सकता है। यह टारगेट दुश्मन के विमान भी हो सकता है। टू सीटर राफेल विमान में पहला पायलट तो दुश्मनों के टारगेट को लोकेट करेगा। जबकि दूसरा पायलट लोकेट किए गए टारगेट का सिग्नल मिलने के बाद उसे बर्बाद करने के लिए राफेल में लगे हथियारों को ऑपरेट करेगा।
हवा में ही दुश्मन के विमान का रडार कर सकता है जाम
इस विमान की एक बड़ी बात यह भी है कि यह विमान दुश्मन के विमान के रडार को हवा में ही जाम कर सकता है। ऐसा करने से यह विमान दुश्मन के विमान को न केवल गच्चा देने में सक्षम है, बल्कि दुश्मन के विमान को आसानी से हिट भी कर सकता है। राफेल विमान के कॉकपिट में ऐसा सिस्टम डिजाइन किया गया है। जिससे युद्ध के दौरान पायलट का पूरा फोकस फ्लाइंग के साथ-साथ दुश्मन के टारगेट को हिट करने में एकाग्रता के साथ बना रहे। इसके लिए स्मार्ट टेबलेट बेस मिशन प्लानिंग एंड एनालिसिस सिस्टम को अपनाया गया है। यह सिस्टम ऑपरेशन में पायलट की एकाग्रता को बनाए रखने में अहम साबित होगा। यूं कहें कि पायलट तुरंत टारगेट लोकेट करेगा और पूरी एकाग्रता के साथ उसे हिट करेगा इससे टारगेट मिस होने का चांस बहुत कम रहेगा।

 

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