10वीं-12वीं के बोर्ड एग्जाम होंगे या नहीं जानें नई शिक्षा नीति से क्या कुछ बदलने जा रहा है…

नई दिल्ली 2 अगस्त 2020। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है। इस नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए हैं। हालांकि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद कई लोगों में ये कंफ्यूजन है, कि क्या 10वीं और 12वीं में बोर्ड परीक्षाएं होगी या नहीं। आइए जानते हैं नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद बोर्ड परीक्षा में कितना बदलाव होगा।

सबसे पहले आपको बता दें, नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा. इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12). इसके अलावा स्कूलों में आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं.

नई शिक्षा नीति में परीक्षा का पैटर्न बदल गया है। ऐसे में पहले की ही तरह इन कक्षा के छात्रों को बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होना होगा। नई शिक्षा नीति में भी छात्रों को 10वीं और 12वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा देनी तो होगी, परीक्षा को लेकर जैसा दवाब पहले बच्चों पर होता था, वैसा कुछ नहीं होगा। नई शिक्षा नीति के अनुसार (NEP 2020) कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षा जारी रखी जाएगी. जो अभिभावक और छात्र ऐसा सोच रहे हैं कि बोर्ड परीक्षा बंद कर दी जाएगी. बता दें, ऐसा कुछ भी नहीं है.शिक्षा नीति में कहा गया है छात्र अक्सर अधिक नंबर लाने के दवाब में आ जाते हैं और कोचिंग सेंटर पर निर्भर हो जाते हैं, ऐसे में नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षा को आसान बनाया जाएगा. ताकि छात्र अधिक नंबर लाने के लिए कोई टेंशन न लें.

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