संस्कृति विभाग के तत्वावधान देश का पहला ‘इंटरनेशनल वर्चुअल ट्राइबल फेस्टिवल’ विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में होने वाला यह एक दिवसीय कार्यक्रम पूरी तरह से ऑनलाइन होगा। इस कार्यक्रम का प्रसारण यू-ट्यूब व फेसबुक के माध्यम से किया जाएगा। इस आयोजन के मुख्य सूत्रधार इंडिया सेंटर फाउंडेशन के चेयरमैन विभवकांत उपाध्याय हैं।
रायपुर. संस्कृति विभाग के तत्वावधान देश का पहला ‘इंटरनेशनल वर्चुअल ट्राइबल फेस्टिवल’ विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में होने वाला यह एक दिवसीय कार्यक्रम पूरी तरह से ऑनलाइन होगा। इस कार्यक्रम का प्रसारण यू-ट्यूब व फेसबुक के माध्यम से किया जाएगा। इस आयोजन के मुख्य सूत्रधार इंडिया सेंटर फाउंडेशन के चेयरमैन विभवकांत उपाध्याय हैं। देश के पहले ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में विशेष रूप से नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी, डायस्पोरा की विदेश मंत्री क्वीन डियांबी कबातुसुइला, यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी, जांबिया के प्रिंस डॉ. सेवियर चिशिंबा, प्राइम मिनिस्टर ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा डॉ. लुइ जॉर्जेस टिन एवं अखिल अफ्रीकन टेक फाउंडेशन की संस्थापक बैरिस्टर इलेन बैनरमैन शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में चर्चा का मुख्य विषय आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए वैकल्पिक विकास मॉडल का प्रतिपादन है। इस वैकल्पिक विकास मॉडल के तहत विभिन्न क्षेत्रों का समावेश कर आदिवासियों के उत्थान हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन पर कार्य किया जाएगा। विशेषकर खाद्य व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने वैश्विक स्तर पर आदिवासियों के उत्थान के लिए विभिन्न देशों के आदिवासी समाज के गठबंधन पर ज़ोर दिया है। वैकल्पिक विकास मॉडल का उद्देश्य है कि अर्थव्यवस्था के पारंपरिक जीडीपी आधारित मॉडल की जगह एक ऐसा मॉडल विकसित किया जाए, जिसमें विकास का प्रवाह ऊपर से नीचे की ओर न हो। इस मॉडल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर स्थापित करने के लिए विश्व के अन्य देशों के साथ आगे बढ़ने की योजना बनाई जा रही है।
देश का पहला ‘इंटरनेशनल वर्चुअल ट्राइबल फेस्टिवल’
यह देश का अपनी तरह का पहला आयोजन है, जहां आगंतुक प्रत्यक्ष उपस्थित न रहकर इंटरनेट की आभासी दुनिया के ज़रिए अपनी बात रखेंगे। कोरोना संकटकाल में लगातार अर्थव्यवस्था से उबरने के लिए श्रमिक-आदिवासी व गरीब वर्गों को मज़बूती देने की बात कही जा रही है। ऐसी परिस्थिति में इस तरह का कार्यक्रम आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।