दवा बाजार बेहाल, इम्यूनिटी दवाओं की बढ़ी मांग…….

रायपुर. कोरोना के असर से प्रदेश का थोक दवा बाजार बुरी तरह प्रभावित हो गया है। पिछले चार माह से दवा बाजार केवल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली टॉनिक और विटामिन सहित अन्य दवाओं पर टिका हुआ है। सर्जिकल उपकरण सहित अन्य तरह की बीमारी की दवा की मांग में 20 से 25 फीसदी तक कमी आ गई है। वर्तमान में इम्यूनटी बढ़ाने वाली दवाओं का बाजार हर माह पचास करोड़ तक पहुंच गया और बाकी दवाओं का बाजार दस से पंद्रह करोड़ पर जाकर सिमट गया है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन ने प्रदेश के थोक दवा बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन के कारण लोगों का घर से निकलना बंद हो गया है, जिसकी वजह से सड़क हादसे रुक गए और अस्पतालों में ट्रामा यूनिट में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या कम हो गई। इसकी वजह से यहां इलाज में उपयोग आने वाली दवा की डिमांड कम हो गई। कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में पू्र्व नियोजित ऑपरेशन बंद हो गए और सर्जिकल उपकरणों की मांग नहीं रही। लोगों का बाहर निकलना बंद हो गया और खानपान तथा घूमने फिरने पर रोक लगी, तो बदहजमी, सर्दी-खांसी, बुखार जैसी गर्मी-बारिश के मौसस में संक्रामक बीमारी की दवा का बजार भी जोर नहीं पकड़ पाया। कुल मिलाकर दवा बाजार इसकी वजह से बुरी तरह प्रभावित हो गया। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में दवाओं के नाम पर कोरोना से बचाव के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले काढ़ा, च्वयनप्राश, विटामिन की सभी तरह की दवाएं खासकर विटामिन सी, जिंक टेबलेट की मांग जोरों पर है। इन दिनों यही दवाओं की बिक्री हर माह लगभग पचास करोड़ की है।

नियमित दवा की बिक्री थोक दवा बाजार के सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में डायबिटीज, शुगर, कार्डियक संबंधी समस्या, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के मरीजों द्वारा नियमित रूप से जिन दवाओं का सेवन किया जाता है, उनकी मांग तो बनी हुई है, लेकिन इसकी बिक्री का कोई बड़ा असर दवा कारोबार पर नहीं होता है। अप्रैल में कुछ समय तक पैरासीटामाल की डिमांड बहुत थी, लेकिन अब उसकी खपत भी कम हो गई है। दवा बाजार पर अभी भी कोरोना की मंदी छाई हुई है। सेनेटाइजर, मास्क ने रिटेल को बचाया कोरोना ने थोक दवा बाजार को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है, लेकिन रिटेल यानी चिल्हर बाजार पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है। दवा दुकानों में सेनेटाइजर और मास्क की बिक्री जोरों पर है, जिसकी वजह से उनका व्यापार ठीक-ठाक चल रहा है। पू्र्व में सेनेटाइजर और मास्क का उपयोग भी अस्पताल तक सीमित था, लेकिन अभी उसका कारोबार लाखों तक पहुंच गया है। इसका व्यापार का असर केवल चिल्हर दवा कारोबारियों तक है। प्रभावित है बाजार कोरोना की वजह से थोक दवा बाजार प्रभावित हो गया है। ज्यादातर दवाओं और सर्जिकल उपकरणों की मांग खत्म हो गई है। बारिश के दिनों में भी जिन दवाओं की डिमांड बहुत रहती है, उसकी भी मांग नहीं है।

विटामिन संबंधी दवाओं की डिमांड वर्तमान में बाजार में केवल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की मांग रह गई है। संक्रमण से बचाव के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा इसका उपयोग कर रहे हैं।

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