छत्तीसगढ़ सरकार ने दुकानों से अधिक दर पर शराब बेचने और गबन करने वाले 700 कर्मचारियों को हटा दिया है। साथ ही पानी मिलाकर शराब बेचने वाले 22 कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी। गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही को लेकर स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने जांच के निर्देश दिए हैं।
प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि प्रदेश में सरकारी संरक्षण में बड़े पैमाने पर अवैध शराब की बिक्री हो रही है। दुकानों में अधिक दर पर शराब बेची की जा रही है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर आबकारी मंत्री ने बताया कि प्रदेश में एक जनवरी 2019 से अब तक अधिक दर पर शराब बेचने की 5551 शिकायतें आई हैं।
अधिकारी मॉनिटरिंग करते हैं, इसलिए एफआईआर नहीं
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने आरोप लगाया कि सरकार की देखरेख में अधिकारी और प्लेसमेंट एजेंसी की मिलीभगत से पानी मिलाकर शराब बेची गई है। पूछा कि सरकार ने प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई। जबकि सारे कर्मचारी एजेंसी के थे? जवाब में आबकारी मंत्री ने बताया कि भले विभाग के लोग कर्मचारियों की मॉनिटरिंग करते हैं, इसलिए एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।