अगस्त में बारिश ने 44 साल का तोड़ा रिकॉर्ड, अबतक सामान्य से 25 फीसदी ज्यादा पड़ी बारिश

देश में जुलाई में मानसून सामान्य से दस फीसदी कम रहा लेकिन अगस्त में पड़ी बारिश ने दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 28 अगस्त तक देश में 25 फीसदी ज्यादा बारिश पड़ी है। हाल ही के हफ्तों में दक्षिण और केंद्रीय भारत में पड़ी बारिश ने पिछले 44 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

भारतीय मौसम विभाग के डाटा के अनुसार इससे पहले भारत में अगस्त महीने में इतनी बारिश साल 1976 में देखी गई थी, जब सामान्य से 28.4 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगले तीन दिन तक सक्रिय मानसून की यही स्थिति रहनी है, इसका मतलब सामान्य से 25 फीसदी ज्यादा पड़ी बारिश में ज्यादा बदलाव नहीं हो सकता है।
पूरे देश में अगस्त महीने में औसतन 296.2 एमएम बारिश पड़ चुकी है जबकि सामान्य तौर पर इस महीने में भारत में 237.1 एमएम बारिश पड़ती है। अगर सही मायनों में देखा जाए तो साल 1988 के बाद से भारत में इस साल अगस्त महीेने में पड़ने वाली बारिश ज्यादा हो सकती है। 1988 में 329.6 एमएम बारिश पड़ी थी।

इस समय केंद्रीय भारत में बारिश ज्यादा पड़ रही है। केंद्रीय भारत में अगस्त महीने में सामान्य से 57 फीसदी ज्यादा बारिश पड़ चुकी है और दक्षिण भारत में 42 फीसदी ज्यादा बारिश पड़ चुकी है। जबकि जुलाई में सामान्य से 16 फीसदी ज्यादा बारिश पड़ी थी।

जुलाई और अगस्त में पड़ने वाली बारिश के बीच का अंतर बंगाल की खाड़ी में बनने वाला लो प्रेशर सिस्टर है। जुलाई में बंगाल की खाड़ी में एक बार भी लो प्रेशर सिस्टम नहीं बना जबकि अगस्त में इनकी संख्या पांच थी। सामान्य तौर पर इन दोनों महीनों में तीन-चार बार लो प्रेशर बन जाता है।

भारतीय मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि जुलाई में एक लो प्रेशर सिस्टम बना था लेकिन वो जल्दी ही खत्म भी हो गया था। अगस्त में कई लो प्रेशर बना जिससे केंद्रीय भारत में ज्यादा बारिश देखने को मिली। हालांकि मौसम विभाग का मानना है कि सितंबर महीने में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग के अध्यक्ष मृत्युंजय माहापात्रा का कहना है कि अगले हफ्ते भारत के उत्तरी पश्चिमी इलाकों में ज्यादा बारिश पड़ सकती है। पांच सितंबर से उत्तर पूर्वी इलाकों में मानसून की दस्तक हो सकती है और इन इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

उत्तरी पश्चिमी इलाकों में अगस्त में सामान्य बारिश पड़ी है। उत्तरी पश्चिमी भारत के कई इलाकों में खासकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में कम बारिश पड़ी है। एक मौसम के तौर पर देखा जाए तो उत्तर पश्चिमी भारत में 11 फीसदी कम बारिश पड़ी है।

 

 

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