लॉकडाउन के बाद किसानों पर बारिश की मार, 300 करोड़ की सब्जियां पानी में डूबी

तीन दिनों की लगातार बारिश के कारण राज्य की पानी की जरूरतें तो पूरी हुईं, धान की फसल को भी फायदे की उम्मीद है, लेकिन सब्जी की खेती डूबकर बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रदेश में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में लगी सब्जी की फसल डूब गई या खेत में ज्यादा पानी भरने से सड़ने लगी है। इससे 300 कराेड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान की आशंका है। क्षति के आंकलन के लिए उद्यानिकी विभाग ने सभी जिलों को पत्र लिखा है। दूसरी तरफ, सब्जी उत्पादक किसानों की मदद के लिए सरकार से राहत पैकेज की मांग भी उठने लगी है। भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिन की झड़ी से सात जिलों रायपुर, महासमुंद, गरियाबंद, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली और राजनांदगांव जिले में बारिश के कारण सब्जी की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। अकेले इन सात जिलों में ही 25 हजार एकड़ में लगी सब्जियों की फसल डूबने की सूचना है। बताया जा रहा है कि इन जिलों में ही लगभग 125 करोड़ का नुकसान हो सकता है।

ओले, लाॅकडाउन और बारिश
उद्यानिकी कार्य में लगे किसानों के लिए यह साल काफी नुकसानदायक रहा है। पहले ओलावृष्टि में फसल को नुकसान पहुंचा। इसके बार लॉकडाउन के कारण किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिला। अब अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के सदस्य मितुल कोठारी का कहना है कि सब्जी उत्पादक किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किस जिले में कितना नुकसान हुआ, सरकार को इसकी जानकारी लेकर किसानों को राहत पैकेज देना चाहिए। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत संचालित योजनाओं से किसानों को तत्काल नई फसल के लिए मदद करना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा है।
“उद्यानिकी फसलों को कितना नुकसान हुआ है। इसकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। इस संबंध में सभी जिलों को पत्र लिखा गया है।”
झड़ी थमी और अब तीन दिन आसमान साफ: तीन दिन से प्रदेशभर में हुई भारी बारिश अब थम गई है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में बना सिस्टम अब मध्यप्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया है। इस वजह से राज्य में अगले 3 दिनों तक भारी बारिश की संभावना नहीं है। चूंकि हवा में नमी बनी हुई है, इस वजह से कहीं-कहीं पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। मौसम साफ रहने के कारण दिन के तापमान में वृद्धि नजर आएगी।

धान अच्छा, सब्जी बर्बाद: कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर का कहना है कि इस बारिश से नदी, नाले, तालाब, डैम लबालब हो गए हैं। धान की फसल के लिए भी यह लाभदायक है लेकिन उद्यानिकी फसलों को इससे काफी नुकसान होने के आसार है। मिर्च, भिंडी, टमाटर, करेला, बैगन, गोभी, केला, पपीता आदि उद्यानिकी की लगभग 25 हजार हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान की आशंका है।

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