छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए गोठान अब सरकार के लिए ही मुसीबत बनते जा रहे हैं। प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर पिछले चार दिन में 131 गायों की मौत से सवाल भी खड़े हो गए हैं। महासमुंद और तिल्दा में गायों के भूख से मरने की खबर है। तखतपुर के मेडापार गांव में 50 मवेशियों की मौत के बाद कई गोठानों में मवेशियों के मरने की लगातार जानकारी आ रही है। लगातार तीन दिन बारिश में भीगने और भूख से तीन दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हुई है। बलौदाबाजार जिले में 70 से अधिक गायों की मौत की खबर है।
रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए गोठान अब सरकार के लिए ही मुसीबत बनते जा रहे हैं। प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर पिछले चार दिन में 131 गायों की मौत से सवाल भी खड़े हो गए हैं। महासमुंद और तिल्दा में गायों के भूख से मरने की खबर है। तखतपुर के मेडापार गांव में 50 मवेशियों की मौत के बाद कई गोठानों में मवेशियों के मरने की लगातार जानकारी आ रही है। लगातार तीन दिन बारिश में भीगने और भूख से तीन दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हुई है। बलौदाबाजार जिले में 70 से अधिक गायों की मौत की खबर है। सरकार ने मवेशियों की सुरक्षा और उन्हें संरक्षण देने के लिए ही गोठान बनवाए। लेकिन समितियों की लापरवाही की वजह से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में करीब 22 सौ से अधिक गोठान बनाए गए हैं, जिनमें मवेशियों को रखने की व्यवस्था की गई है। इनमें कई जगहों पर शेड की व्यवस्था नहीं होने और मवेशियों को खुले में ही रखे जाने के कारण कई दिक्कतें आ रही हैं। गोठान के नाम पर यहां सिर्फ पानी के नांद ही बनाया गया है, ज्यादातर में मवेशियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसके कारण मवेशी बीमार पड़ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है।