अधिकारियों ने एक ही काम का दोबारा जारी किया टेंडर, जबकि कोहका-जुनवानी मार्ग पर एसडीपी प्वाइंट और पोल के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है

रायपुर : दुर्ग जिले में पदस्थ लोक निर्माण विभाग के विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ए आर टेम्भुर्ने पिछले ८ सालों से एक ही जगह पर काबिज है और शासन राजस्व को नुकसान पंहुचा रहे है।  ठेका एजेंसियों का कहना है कि कोहका-जुनवानी मार्ग पर निर्माणाधीन सड़क में एसडीपी प्वाइंट और पोल के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अधिकारियों ने उसी काम को दोबारा करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है, इससे साफ़ पता चलता है कि अधिकारी किस तरह पद का दुरूपयोग कर शासन को गुमराह करने में लगे हैं। साथ ही अपने चहेते ठेका एजेंसी को टेंडर दिलाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शर्तो को बार बार बदलकर येन केन प्रकारेण अपने चहेते को टेंडर दिलवा कर उन्हें लाभ पहुंचने की कोशिश कर रहे है, और होने वाली कमाई की बन्दर बाँट की जा सके।  विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के अधिकारी का कहना है कि अतिरिक्त काम कराना पड़े तो समस्या खड़ी न हो इसलिए टेंडर जारी किया गया है ।

यांत्रिकी विभाग ने जब इस काम के लिए पहली बार 24 जनवरी 2020 को टेंडर जारी किया था उससे पहले एसडीपी प्वाइंट और पोल के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है। विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग ने कोहका-जुनवानी रोड पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एक करोड़ 96 लाख रुपये का टेंडर जारी किया है। एसडीपी प्वाइंट और पोल के फाउंडेशन के काम को जोड़कर टेंडर जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि है कि काम के दौरान फाउंडेशन का काम कराना पड़ गया तो अचानक किससे काम कराया जाएगा इसलिए सभी काम का टेंडर जारी किया गया है, ठेका एजेंसी जितना काम करती है, उतने ही पैसे का भुगतान किया जाता है।

तीसरी बार भी निकाला गया टेंडर

सूत्रों के अनुसार विद्युत एवं यात्रिकी विभाग ने अपने चहेते को टेंडर दिलाने के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किया है। पहली बार टेंडर में आठ कंपनियों ने भाग लिया था, लेकिन विभाग ने टेंडर प्रक्रिया ही रद कर दी थी। कहा गया, विभाग की शर्तों पर कंपनियां खरी नहीं उतरीं। गोदी ठेकेदारों को टेंडर देने में दिक्कत होती, इसलिए टेंडर को निरस्त कर शर्तों में बदलाव कर दोबारा टेंडर जारी किया गया। इस टेंडर में भी खामियां मिलीं तो तीसरी बार ऐसा फुल प्रूफ टेंडर जारी कर ऐसी विशेष शर्ते रखी गयी, कि अधिकतर ठेका एजेंसियों का कंपनी से ओएमयू नहीं हो पाया और विभाग अधिकारी ने इन सब  ठेका एजेंसियों को किनारे लगा दिया।

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