बिहार में आज सात परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, लागत 541 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में शहरी अवसंरचना से जुड़ी सात महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस समारोह के दौरान जिन परियोजनाओं का शिलान्यास होना है उनमें से चार परियोजनाएं जल आपूर्ति से संबंधित हैं। साथ ही दो जल-मल शोधन संयंत्र व एक परियोजना रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित है।

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन सभी परियोजनाओं की लागत 541 करोड़ रुपये है। सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीन बुडको द्वारा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जिन सात परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे उनमें पटना नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत बेऊर में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत बनाया गया जल-मल शोधन संयंत्र भी शामिल है। इसके अलावा सीवान नगर परिषद और छपरा नगर निगम के क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं का लोकार्पण होगा। इन दोनों योजनाओं के तहत स्थानीय नागरिकों को चौबीस घंटे पीने का शुद्ध जल मिलेगा।
इसी प्रकार मुंगेर नगर निगम में ‘मुंगेर जलापूर्ति योजना’ का भी शिलान्यास किया जाएगा। योजना के पूर्ण होने से नगर निगम क्षेत्र के निवासियों को पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध जल उपलब्ध होगा। साथ ही नगर परिषद जमालपुर में भी जमालपुर जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया जाएगा।

प्रधानमंत्री के हाथों नमामि गंगे योजना के अंतर्गत मुजफ्फरपुर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना का शिलान्यास भी किया जाएगा। इसके अंतर्गत मुजफ्फरपुर शहर के तीन घाटों (पूर्वी अखाड़ा घाट, सीढ़ी घाट, चंदवारा घाट) का विकास किया जाएगा। रिवर फ्रंट पर कई प्रकार की मूलभूत सुविधाएं मसलन शौचालय, इंफॉर्मेशन कियोस्क, चेंजिंग रूम, पाथवे, वाच टावर इत्यादि उपलब्ध होंगी।

बयान में यह भी कहा गया है कि रिवर फ्रंट का निर्माण हो जाने से घाटों के मनोरम दृश्य के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो मुजफ्फरपुरवासियों के लिए भविष्य में आकर्षण का केंद्र साबित होगा। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को बिहार में 900 करोड़ रुपये की पेट्रोलियम परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इनमें पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन परियोजना का दुर्गापुर-बांका खंड और बांका और चंपारण जिलों में दो एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र शामिल हैं।

 

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