कोरोना काल में लेन-देन का आनलाइन चलन बढ़ने से साइबर क्राइम में भी तेजी से इजाफा हुआ है। बीते छह महीनों में इसमें करीब दो गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। जनवरी-फरवरी में अूममन 47 शिकायतें इस तरह के अपराधों से जुड़ी थी, मार्च-अगस्त के बीच इनकी संख्या 110 से ऊपर चली गई है। सबसे ज्यादा मामले मई में रिकॉर्ड किए गए थे। इसमें से करीब 25 फीसदी मामले दिल्ली से हैं।
खास बात यह कि देश के अलग-अलग हिस्सों से होने वाले साइबर क्राइम की प्रकृति भी अलग-अलग है। मसलन, ओएलएक्स, क्वीवर और क्यूआर कोड सीरीखे प्लेटफार्म से ठगी ट्राई जंक्शन, मेवात-मथुरा-भरतपुर से हो रही है। जबकि केवाईसी और यूपीआई के नाम पर झारखंड, पश्चिम बंगाल व बिहार के ठग आगे हैं। पुलिस अधिकारी भी मान रहे हैं कि साइबर क्राइम तेजी से बढ़ा है। ठग डेबिट-क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट, नौकरी दिलवाने, महिलाओं को ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग और कोविड केयर के नाम पर मदद मांगने समेत अन्य तरीकों से लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं।
साइबर क्राइम यूनिट के पुलिस उपायुक्त अनीश रॉय का कहना है कि दिल्ली पुलिस लगातार साइबर ठगों के खिलाफ अभियान चला रही है। पिछले छह माह के दौरान पुलिस करीब 125 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस लोगों से अपील करती है कि सावधानी बरतकर ही साइबर ठगी से बचा जा सकता है। ऑनलाइन लेन-देने करते हुए पूरी सावधानी बरतें।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स से सेक्सोटार्शन की मामले तेजी बढ़े
फेसबुक पर दोस्ती या मैट्रिमोनियनल वेबसाइट पर दोस्ती करने के नाम पर वीओआईपी (वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) कॉल की जाती है। लॉकडाउन में ने ऑनलाइन की डेट की। साथ ही मोबाइल पर खूबसूरत पलों को वीडियो कॉल के जरिये शेयर किया गया। साइबर ठग उन कॉल्स व फोटो के आधार पर लोगों को ब्लैकमेल कर मोटी रकम मांग रहे हैं। बेइज्जत करने का डर दिखाकर (सेक्सोटार्शन) कर लड़के या लड़की से मोटी रकम वसूलते हैं। इस तरह की कॉल देर रात आती है और सुबह होते-होते वह उगाही करने में कामयाब भी हो जाते हैं।
सबसे ज्यादा फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले
दिल्ली पुलिस की स्टडी में पता चला है कि फाइनेंशल फ्रॉड के 59 फीसदी मामले दर्ज किए गए। वहीं सोशल मीडिया के जरिये 24 फीसदी ठगी हुई। बाकी ठगी दूसरे तरीकों से हुई। आंकड़ों के आधार अगस्त माह में ही हर दिन 123 से अधिक साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे थे, यह सिलसिला सितंबर में भी जारी है।
हर इलाके का अपना तरीका
-ओएलएक्स, क्वीवर और क्यूआर कोड जैसे ठगी ट्राई जंक्शन, मेवात-मथुरा-भरतपुर से।
-केवाईसी और यूपीआई के नाम पर ठगी झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार से।
-नौकरी के नाम पर ठगी दिल्ली-एनसीआर से।
-सरकारी वेबसाइट्स पर कोई विज्ञापन देकर ठगी के मामले उत्तरी राजस्थान से।
-पश्चिम उत्तर-प्रदेश से सोशल मीडिया के जरिए।
इस तरह होती साइबर ठगी
. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारी जुटाकर ठगी।
. फर्जी शॉपिंग साइट और ई-कॉमर्स पोर्टल बनाकर ठगी।
. कोविड केयर या मानवता के नाम पर ठगी।
. नौकरी का विज्ञापन निकालकर ठगी।
. पीएम केयर फंड और प्रधानमंत्री बीमा योजना के नाम पर ठगी।
. ओएलएक्स, फेसबुक और क्वीकर जैसे ई-कॉमर्स वेबसाइट पर सामान बेचने और खरीदने के नाम पर ठगी।
. ऑन लाइन ब्लैकमेलिंग के मामले।
. फेसबुक और मैट्रिमोनियल वेबसाइट से दोस्ती कर ठगी
. इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योर होने या इंश्योरेंस पॉलिसी पर कैश बैक के नाम पर ठगी
बरतें सावधानी
. क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड और ओटीपी किसी को न बताएं। यदिआप जानकारी शेयर करते हैं तो आपके खाते में आसानी से सेंध लग सकती है
. यदि कोई सिम, एटीएम या क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने की बात कर आपसे कोई ऐप या क्यूआर कोड स्कैन करया तो बिल्कुल भी ऐसा न करें। ऐसा करने से आपके खाते में आसानी से सेंध लग सकती है
. ऑन लाइन शॉपिंग करते समय सामान की कीमत को जरूर देखें, कहीं ऐसा तो नहीं किसी ने सामान पर ज्यादा छूट दी हुई हो। ऐसी साइट से सामान खरीदते समय सावधानी बरतें।
. अगर ऑन लाइन आपको सामान खरीदते समय साइट पर शक हो तो कैश आन डिलीवरी के ऑपशन पर जाकर ठगी से बच सकते हैं।
. यदि कोई कोविड के नाम पर आपस से मदद मांगे तो बिना पड़ताल के किसी को भी रुपये न दें। अच्छी तरह जांच के बाद आप जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं।
. सरकारी योजनाओं और सरकारी विभागों से जुड़ी लाभकारी योजनाओं के लिए रुपया खर्च करने से पूर्व इन साइट्स की अच्छी तरह पड़ताल कर लेना चाहिए।
. ओएलएक्स और क्वीकर जैसे वेबसाइट से सामान खरीदते समय सामान बेचने और खरीदने वाले की पड़ताल कर लें। हो सके तो बिना सामान लिये उसकी पेमेंट न करें।
साइबर ठगी के कुछ आंकड़े…
जनवरी-1479
फरवरी-2091
मार्च-1895
अप्रैल-3367
मई-4184
जून-3205
जुलाई-4113
अगस्त-3821
जनवरी में हर दिन करीब 45 मामले आए सामने।
. अगस्त में हर दिन करीब 123 मामले आए सामने।
. मार्च से अगस्त के बीच औसतन हर दिन करीब 112 मामले आए सामने