1,060 महिलाओ की सिफिलिस जांच भी संपन्न
बैकुंठपुर, (कोरिया) सितंबर 21
कोरोना काल में भी गर्भवती महिलाओ को मिलने वाली समस्त सुविधाओ का ध्यान रखा गया, हर गर्भवती महिला को नियमित रूप से प्रसव पूर्व परीक्षण करने की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था में प्रति तिमाही किए जाने वाले परीक्षण मे एचआईवी और वीडीआरएल जांच शामिल रहते हैं।
प्रसवपूर्व जांच द्वारा गर्भवती महिला में उच्च जोखिम वाले लक्षणों का समय पर पता कर सही उपचार कर माँ एवं बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जाता है। कोरोना काल के दौरान भी1,226 महिलाओं का एचआईवी परीक्षण तथा1,060 महिलाओ की सिफिलिस जांच कर सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान की गयी ।
इसकी जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामेश्वर शर्मा ने बताया,” कुल 1,226 प्रसव पूर्व एचआईवी परीक्षण हुए जिन में, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ से 202, बैकुंठपुर से 668, सोनहत से 64, खड़गवां से 208, और भरतपुर के 84 महिलाओ की जांच की गई। इसी प्रकार 1,060 वीडीआरएल जांच भी किये गये जिसमें से मनेन्द्रगढ से 142, बैकुंठपुर से 647, सोनहत से 08, खड़गवां से 179, और भरतपुर के 84 परीक्षण हुए।“
प्रसव पूर्व परीक्षण (एंटी नैटल केयर ) के माध्यम से गर्भावस्था की प्रगति और बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। प्रसवपूर्व परीक्षण से गर्भावस्था के विकास के बारे में सही जानकारी मिलने से बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल करने में सहायता मिलती है। प्रसव पूर्व जांच में ब्लड का आरएच नेगेटिव, बीपी, सिकलिन, मधुमेह, एल्बोमिना पॉजिटिव, वीडीआरएल, हेपेटाइटिस, एचआईवी, और थायराइड जैसी जांचे होती है। वजन और हेमोग्लोबिन की जांच समय समय पर की जाती रहती है।
जिन महिलाओं में प्रसव पूर्व जाँचों के दौरान जटिलताएं पाई जाती हैं उन्हें उच्च जोखिम की श्रेणी में रखा जाता है। एएनसी की सुविधा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत हर माह की 9 तारीख को भी दी जाती है उच्च जोखिम की पहचान और उपचार से माँ और शिशु को सुरक्षित किया जा सकता है और मातृ मृत्यु अनुपात में कमी लाई जा सकती है।