कोंडागांव। बस्तर के कोंडागांव में एक नाबालिग युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, ऐसी खबर है। 3 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से अभी भी बाहर हैं। घटना की जांच के लिए कोंडागांव एएसपी आनंद साहू के नेतृत्व में एसआईटी टीम का किया गठन किया गया है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इसकी जानकारी दी है। घटना की खबर आज ही बस्तर से निकलकर राजधानी तक आती। प्रारंभिक खबर ऐसी थी- कोंडागांव जिले के धनोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक और ‘निर्भया’ के साथ 7 लोगों के द्वारा सामुहिक अनाचार जैसी घिनौनी घटना को अंजाम देने के कारण युवती के फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके बाद उसकी मौत हो गई और उसे दफनाया दिया गया। 2 माह बाद उसके पिता ने भी जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया है। लेकिन आज दिनांक तक न तो सामुहिक अनाचार को लेकर थाने में किसी प्रकार का केस दर्ज हुआ है, न ही आत्महत्या के प्रकरण की गुत्थी सुलझी है।
गरीब आदिवासी युवती की मौत के लगभग 2 माह बीतने के बाद 4 अक्टूबर को पीड़िता के पिता के द्वारा भी जहर का सेवन कर आत्महत्या करने का प्रयास करना, ये दोनों घटनाएं अपने आप में रहस्यमयी तो है ही, दोनों ही प्रकरणों में किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई न होना भी जनचर्चा का विषय बना हुआ है। मृतिका की सहेली ने बताई आपबीती, तब हुआ दरिंदगी का खुलासा घटना की जानकारी मिलने पर पीड़ित लड़की के परिवार वालों से मिलने पर लड़की की सहेली ने उस रात किस प्रकार से घटना घटित हुई, उसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि – 2 माह पहले मैं और मेरी सहेली शादी में शामिल होने के लिए ग्राम कनागांव गए थे। जहां रात के वक्त हम सब शादी में नाच रहे थे कि कनागांव व फुंडेर गांव के लगभग 7 युवकों ने जबरदस्ती पीड़िता को शादी वाले घर से उठाकर जंगल की ओर लेकर चले गए। जहां घन्टो तक युवकों के द्वारा युवती के साथ सामुहिक रूप से अनाचार जैसी घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया। देर रात्रि फिर से शादी घर में पहुची और घटना के बार मे पूरी जानकारी दी। उस वक्त पीड़िता के शरीर से काफी खून निकल रहा था। घटना में शामिल कुछ युवक शराब के नशे में भी थे तथा घटना को अंजाम देने से पहले जब युवकों का समूह पीड़ित युवती को जबरन ले जा रहे थे, तब मैं भी मौजूद थी। कुछ युवकों ने मुझे भी घेर लिया, लेकिन मै किसी तरह उनके चंगुल से निकल कर भाग गई।
पीड़ित युवती की सहेली ने बताया कि आरोपी युवकों ने हमको धमकी देते हुए कहा था कि यदि घटना की जानकारी घर वालों को दिया तो दोनों को जान से मार दिया जाएगा। इसलिए डर के कारण हम चुप रहे तथा घर मे किसी को कुछ नही बताया। लेकिन घटना के बाद यह बात पूरे शादी घर में फैल गई थी। मृत युवती के चाचा ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य खेत में काम कर रहे थे तथा उक्त युवती के माता पिता घर में न होने के कारण वह छोटे बच्चों के साथ घर में अकेली थी। तभी दोपहर लगभग 2 बजे बच्चों ने खेत आ कर बताया कि दीदी ने फांसी लगा ली है। जिसके तुरन्त बाद हम लोग घर पहुंचे तथा युवती को नीचे उतारा तब तक वह जीवित थी, तथा उसे अस्पताल लेकर जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था कर रहे थे, उससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया। चूंकि युवती के माता-पिता गांव से बाहर थे इसलिए उसका अंतिम संस्कार नही किया गया था, तथा अगले दिन सुबह 11 बजे सबकी उपस्थिति में शव को दफन कर दिया गया। दफनाने के बाद शाम को अंचलापारा के कुछ युवकों से हमें जानकारी मिली कि मृत युवती के साथ कनागांव में कुछ युवकों के द्वारा सामुहिक अनाचार किया गया था।
मामले को दबाने की कोशिश मृतक के चाचा ने यह भी बताया कि उक्त घटना के कुछ दिन बाद धनोरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी रमेश शोरी ने हमें थाना बुलाया था, जहां उन्होंने कहा था कि उन्हें अनाचार व आत्महत्या दोनों घटना की जानकारी मिल गयी है तथा एफआईआर दर्ज कर रहे हैं। हमें कानूनी कार्रवाई हेतु तैयार रहने व गवाही देने को कहा गया था, जिस पर हमें कोई आपत्ति नही थी। लेकिन आज दिनांक तक उक्त घटना में संलिप्त आरोपियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नही हुई है तथा सभी आरोपी स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। युवती के साथ हुए अनाचार व उसकी आत्महत्या का मामला पूरी तरह से रफा-दफा कर दिया गया था। गरीब आदिवासी परिवार की पुत्री की मौत तथा उसके बाद पिता के द्वारा आत्महत्या करने का प्रयास करना अपने आप मे कई सारे रहस्यों को समेट कर बैठा है।