रीतेश अपनी क्लास का मेधावी छात्र था. पर पिछले दिनों उस का नर्वस ब्रेक डाउन हो गया. इस से उस की योग्यता का ग्राफ तो गिरा ही दिनप्रतिदिन के व्यवहार पर भी बहुत असर पड़ा. खासतौर पर मां और भाई के प्रति उस का आक्रामक व्यवहार इतना बढ़ गया कि उसे मनोचिकित्सालय में भरती कराना पड़ा. उस के साथसाथ घर वालों की भी पर्याप्त काउंसलिंग की गई. तब 3 महीने बाद यह मनोरोगी फिर ठीक हुआ. उस के मांबाप को बच्चों के साथ बराबर का व्यवहार करने की राय दी गई.
जब मां बाप ही लगें पराए…..
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