सेक्स की गलतफहमी : पति-पत्नी के संबंधों में डालती दरार

तुम पापा बनने वाले हो…’ रमेश की नईनवेली पत्नी मोना ने जब शादी के एक महीने के बाद उसे फोन पर यह खुशखबरी दी, तो वह खुशी से झूमने लगा. उस की शादी के बाद पत्नी के साथ ज्यादा समय न बिताने की कसक मन से दूर हो गई थी. उस की आंखों के सामने उस का बच्चा घूमने लगा. उस ने पत्नी को अपना खयाल रखने की बात कही. इस के बाद वह फैक्टरी में काम करने चला गया.

रमेश की आंखों के सामने शादी से सुहागरात तक के पल घूमने लगे. वह 6 दिन की छुट्टी ले कर आया था. उन में से 3 दिन शादी में निकल गये थे. रमेश को सब से ज्यादा चिंता अपनी सुहागरात को ले कर थी.

घर पर रमेश को पता चला कि उस की सुहागरात तो 2 दिन बाद ही होगी, क्योंकि अभी घर में पूजा नहीं हुई है. उस की परेशानी बढ़ती जा रही थी. आखिरकार उसे छुट्टी के आखिरी दिन पत्नी के साथ सुहागरात मनाने का मौका मिला.

रमेश की नौकरी नई थी. इस वजह से वह अपनी छुट्टी रद्द नहीं कर सकता था. मन मार कर वह वापस मुंबई चला गया. उसे पता था कि अब 6 महीने के बाद ही उसे वापस आने को मिलेगा.

मुंबई पहुंच कर रमेश को बारबार पत्नी मोना की याद आती रही. मोबाइल पर उस से बातचीत करके मन को संतोष मिल रहा था. ऐसे करते एक महीने का समय कब गुजर गया पता ही नहीं चला.

आज फैक्टरी पहुंच कर रमेश बहुत खुश था. उस की खुशी किसी से छिपाए नहीं छिप रही थी. दोपहर खाने की छुट्टी हुई तो उस के दोस्त महेश ने पूछा, ‘रमेश भाई, क्या बात है, आज बहुत खुश नजर आ रहे हो?’

‘भाई, घर से पत्नी का फोन जो आया था,’ रमेश ने चुटीले अंदाज में जवाब दिया.

‘फोन तो रोज ही आता है. नईनई शादी के बाद कुछ दिन खूब फोन आते हैं. भाभी को तेरी याद जो आ रही होगी,’ दूसरे साथी रामपाल ने भी उसी मजाकिया लहजे में बात की.

आज का फोन कुछ खास था. आज उस ने खुशखबरी दी है कि मैं बाप बनने वाला हूं. आज शाम को आप सब को मिठाई खिलाता हूं.’

‘क्या… तुम बाप बनने वाले हो?पर कैसे? अरे भाई, तुम तो कह रहे थे कि तुम ने केवल एक बार ही पत्नी के साथ सेक्स किया है. कहीं एक बार सेक्स करने से कोई बाप बनता है भला. मुझे तो डाक्टर ने सलाह दी थी कि मैं अपनी पत्नी के साथ रोज सेक्स करूं. दिन में कई बार करूं तो जल्दी बच्चा ठहरेगा. इस के बावजूद 2 साल के बाद बच्चा ठहरा था,’ महेश बोला.

महेश की बातें सुन कर रमेश सोच में पड़ गया. उसे अपनी पत्नी पर शक होने लगा. महेश ने इस शक को और भी पुख्ता कर दिया, जब वह बोला, ‘भाई, आजकल की लड़कियों का कोई भरोसा नहीं होता. मेरी मान तो अपनी पत्नी से सही तरह से बात कर ले.’

रमेश की हिम्मत मोना से बात करने की तो नहीं हुई, पर उस ने मां से पूछा तो पता चला कि मोना तो शादी के बाद से अपने मायके तो क्या, घर बाहर ही नहीं गई. जब वह घर से बाहर जाती भी थी तो मां साथ होती थीं.

अपनी मां से बात करने के बाद भी रमेश के मन का वहम दूर नहीं हो रहा था. उस की फैक्टरी में हर बुधवार को एक डाक्टर साहब आते थे. वे बातचीत में खुले दिल के थे. रमेश ने सोचा कि क्यों न एक बार डाक्टर साहब से बात की जाए?

रमेश समय निकाल कर डाक्टर प्रशांत के पास गया और उन को पूरी बात बताई. साथी महेश ने जो कहा था, वह भी बताया.

रमेश की बात सुन कर डाक्टर प्रशांत समझ चुके थे कि नासमझी में महेश ने जो कह दिया है उस से रमेश के मन में शक का कीड़ा घुस गया है. जब तक पूरी बात नहीं समझाई जाएगी, तब तक बात सुलझेगी नहीं.

डाक्टर प्रशांत ने रमेश और महेश  दोनों को पास बुलाया और कहा, ‘देखो रमेश, जब एक बालिग उम्र के लोग सेक्स संबंध बनाते हैं, तो पहली बार में भी बच्चा ठहर सकता है. पेट में बच्चा ठहरने के लिए पत्नी के अंडाणु और पति के शुक्राणुओं का मिलना खास होता है. अंडाणु और शुक्राणु का यह मिलन कभी भी हो सकता है. कई बार यह मिलन पहली बार सेक्स संबंध बनाने में ही हो जाता है, तो कई बार लगातार सेक्स करने के बाद भी यह मिलन नहीं हो पाता है. कई बार पति या पत्नी के बीच लगातार सेक्स करने के बाद भी बच्चा नहीं ठहरता, तो डाक्टर दवा देने के साथसाथ कई बार सेक्स करने की भी सलाह देते हैं.’

डाक्टर प्रशांत के सामने महेश ने माना कि उसे शादी के 2 साल बाद तक तब बच्चा नहीं हुआ तो उस ने पत्नी के साथ अपना भी इलाज कराया था. तब डाक्टर ने कहा कि था कि दिन में कई बार सेक्स करोगे तो बच्चा जल्दी ठहरने की उम्मीद ज्यादा होती है.

डाक्टर प्रशांत ने उन दोनों को समझाते हुए कहा, ‘माहवारी के बाद कुछ दिन ऐसे होते हैं, जब सेक्स करने के बाद बच्चा ठहरने की उम्मीद सब से ज्यादा होती है. इन दिनों में औरत के अंडाणु बनते हैं. ये अंडाणु ताकतवर होते हैं. इन की गति तेज होती है. इन की संख्या भी ज्यादा होती है. ऐसे में आदमी के शुक्राणु से मिलने के बाद निषेचन की उम्मीद ज्यादा रहती है. निषेचन के बाद पेट में बच्चा ठहर जाता है.’

डाक्टर की बात सुन कर रमेश और महेश दोनों बहुत शर्मिंदा थे. महेश ने कहा, ‘डाक्टर साहब, आप का बहुतबहुत धन्यवाद. नासमझी में मैं ने रमेश के मन में शक बिठा दिया था. आप ने सही बात बता कर न केवल हमारे शक को दूर किया है, बल्कि रमेश की टूटती गृहस्थी को बचा लिया.’

इस के बाद रमेश और महेश मिठाई की दुकान पर गए. महेश ने कहा, ‘भाई, यह मिठाई हमारी ओर से अपनी नादानी दूर होने की खुशी में.’

मिठाई खाने से पहले रमेश ने अपनी पत्नी मोना को फोन कर उसे बधाई दी और कहा, ‘तुम अपना और बच्चे का खयाल रखना. हम तुम्हारे लिए झुमके ले कर जल्दी ही घर आ रहे हैं.’

रमेश मिठाई ले कर डाक्टर प्रशांत के पास गया और बोला, ‘डाक्टर साहब, आप ने मेरी शादी बचा ली, नहीं तो मैं अपनी पत्नी को चरित्रहीन मान चुका था. अपनी मां से पूछताछ भी कर डाली थी. मुझे तनाव के दलदल से बचाने के लिए आप का शुक्रिया.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *