Bihar Assembly Elections 2020: बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections 2020) में NDA गठबंधन ने सभी एग्जिट पोल्स व राजनीतिक पंडितों के दावों को ध्वस्त कर दिया है. एक तरफ जहां सुबह काउंटिंग की शुरुआत के साथ यह लग रहा था मानों बिहार में NDA राजद व महागठबंधन के आगे कमजोर है. वहीं दोपहर होते-होते रुझान बिल्कुल बदल चुके हैं. यहां महागठबंधन को NDA ने तगड़ा झटका दिया है. भारतीय जनता पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. भाजपा के वोटिंग के बलबूते पर ही NDA महागठबंधन को पछाड़ पाने में सफल दिखाई दे रही है.
243 विधानसभा सीटों में भाजपा अकेले 75 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. पिछली बार साल 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को मात्र 53 सीटों से संतोष करना पड़ा था लेकिन इस बार के रुझान कुछ अलग ही है. वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड 51 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि जदयू को पिछली विधानसभा चुनाव में 71 सीटें मिली थीं.
हालांकि महागठबंधन की स्थिति पहले से बेहतर प्रतीत हो रही है. यहां प्रमुख दल राजद (Rashtriya Janata Dal) 62 सीटों पर आगे चल रही है, बता दें कि राजद को पिछली बार 80 सीटें मिली थी. कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर ही सिमट चुकी है. वहीं चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Jan Shakti Party) मात्र 2 सीटों पर अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करती दिखाई पड़ रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा को काफी बढ़त मिली है. ऐसे में भाजपा की सीटों पर बढ़त ने सभी दलों के ख्वाब पर पानी फेरने का काम किया है. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए जी-जान लगा दिया था. इस दौरान भाजपा की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी की कमान को संभालते हुए बिहार में कई रैलियां की. साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार में कई रैलियों को संबोधित किया था. इस कारण बिहार चुनाव कहीं न कहीं NDA के पक्ष में आती दिखाई पड़ रही है.
हालांकि हालिया आंकड़ों के मुताबिक तेजस्वी के 10 लाख रोजगार व अन्य दावों को लगता है बिहार की जनता ने खारिज कर दिया है. लेकिन तेजस्वी के रैलियों में लोगों के उमड़े हूजूम को देखकर ऐसा लग रहा था मानों में तेजस्वी इस बार कुछ चमत्कार कर सकते हैं लेकिन ताजा आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं.