कभी हिंदी सिनेमा पर राज करती थीं माला सिन्हा, फिल्मों से दूर अब दिखती हैं ऐसी

अगर अभिनेत्री आल्डा सिन्हा की बात करें तो शायद ही आप पहचान पाएं लेकिन माला सिन्हा का नाम लेते ही जहन में उनकी कई फिल्में आ जाती हैं। जी हां, माला सिन्हा का असली नाम आल्डा है। उनका जन्म 11 नवंबर 1936 को कोलकाता (तब कलकत्ता) में हुआ। उन्होंने हिंदी के अलावा बंगाली और नेपाली भाषा में भी कई फिल्में की हैं। 50, 60 और 70 के दशक में माला सिन्हा हिंदी सिनेमा की टॉप अभिनेत्रियों में से थीं। करीब चार दशकों तक उन्होंने फिल्मों में काम किया।

माला सिन्हा जब स्कूल जाती थीं तो उनके दोस्त उन्हें डालडा कहकर पुकारते थे। वहीं माला के माता-पिता उन्हें बेबी कहते थे इसलिए कई दोस्त उन्हें डालडा सिन्हा तो कई बेबी सिन्हा कहने लगे। फिल्मों में काम करने से पहले वह रेडियो के लिए गाती थीं। माला खूबसूरत तो थी हीं इसलिए किसी ने उन्हें फिल्मों में काम करने की सलाह दी। फिल्मों में काम करने का सपना लेकर वह मुंबई तो पहुंच गईं लेकिन यहां उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।

माला के पिता अल्बर्ट सिन्हा बंगाल से थे। इसी कारण लोग उन्हें नेपाली-भारतीय बाला कहते थे। उनकी मां नेपाल की रहने वाली थीं। एक बार एक निर्माता के पास जब वे गई तो निर्माता ने उनसे कहा कि पहले शीशे में जाकर अपना चेहरा तो देखो, ऐसी भद्दी नाक को लेकर हीरोइन बनने का सपना देखती हो।

माला एक बंगाली फिल्म के सिलसिले में मुंबई पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री गीता बाली से हुई। उन्होंने माला को निर्देशक केदार शर्मा से मिलवाया। कहा जाता है कि माला के करियर को आगे बढ़ाने में केदार शर्मा ने बहुत मदद की। उन्होंने अपनी फिल्म रंगीन रातें में बतौर अभिनेत्री काम दिया।

 

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