उठा बड़ा सवाल – गुजर गया आधा महीना फिर भी जारी नहीं हो सका संविलियन होने वाले कर्मचारियों का एम्पलाई कोड…

रायपुर 17 नवंबर 2020। राज्य सरकार ने शिक्षाकर्मियों के हित में निर्णय लेते हुए 1 नवंबर को 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके समस्त शिक्षाकर्मियों के संविलियन का आदेश जारी करवाया , स्वयं लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक जितेंद्र शुक्ला ने इसकी कमान थामते हुए 31 अक्टूबर को राज्य कार्यालय से जारी होने वाले व्याख्याताओं के संविलियन आदेश को जारी कर दिया और निचले स्तर के अधिकारियों को यह संदेश देने की कोशिश की कि समय पर काम करने से मिलने वाले लाभ का उत्साह कर्मचारियों में दुगना हो जाता है और यह हुआ भी, पूरे प्रदेश में संचालक और राज्य कार्यालय की वाहवाही हुई लेकिन निचले स्तर के अधिकारियों ने आज तक अपना पुराना ढर्रा नहीं बदला है । ऐसे अनेक ब्लॉक है जहां आज तक शिक्षाकर्मियों के लिए प्रक्रिया नहीं शुरू की गई है संविलियन होने वाले शिक्षाकर्मियों का एम्पलाई कोड तक जनरेट नहीं किया गया है बाकी प्रक्रिया तो छोड़ ही दीजिए , ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि इस स्थिति में आखिर शिक्षाकर्मियों को वेतन समय पर मिलेगा कैसे ??

संविलियन वाले होने वाले शिक्षाकर्मियों का यह होना है काम

जिन शिक्षाकर्मियों का 1 नवंबर की स्थिति में संविलियन होना है वह सभी अभी पंचायत और नगरीय निकाय में कार्यरत हैं ऐसे में उनका एंपलाई कोड भी उसी विभाग का है सबसे पहले उनकी जानकारी ई कोष में भरकर स्कूल शिक्षा विभाग में उनका एम्प्लाई कोड जनरेट किया जाता है साथ ही कार्मिक संपदा का फॉर्म ऑनलाइन भरने का काम डीडीओ करते हैं , इसके बाद अंतिम वेतन भुगतान करके एलपीसी जनरेट किया जाता है और फिर उनके प्रान शिफ्टिंग फॉर्म को कोषालय भेज कर प्रान को स्कूल शिक्षा विभाग में शिफ्ट करवाया जाता है तब जाकर उन्हें वेतन का भुगतान हो पाता है , लेकिन अधिकांश जगहों में अभी प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई है । अभी जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसमें गौरेला, पेंड्रा, मरवाही ब्लॉक , महासमुंद जिले के बागबाहरा और महासमुंद ब्लॉक , धमतरी जिले के धमतरी, मगरलोड ब्लाक , कबीरधाम जिले के बोड़ला और कबीरधाम ब्लॉक , जशपुर जिले के जशपुर ब्लॉक में , सरगुजा जिले के सरगुजा, बतौली, मैनपाट ,लुंड्रा , लखनपुर उदयपुर ब्लॉक में , कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ ब्लॉक में काम शुरू ही नही हुआ है
इसके अतिरिक्त व्याख्याताओं के डीडीओ उनके प्राचार्य है बहुत से जगहों में प्राचार्यो ने भी काम शुरू नहीं किया है जिससे व्याख्याता वर्ग के शिक्षक भी परेशान हैं

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