भोपाल गैस त्रासदीः सिर्फ इस तस्वीर को नहीं बल्कि इन्हें भी देख हिल गई थी दुनिया

कहा जाता है कि एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर होती है लेकिन कई तस्वीर ऐसी भी होती है जिसे लेकर कई अनगिनत पन्ने भी भर दें तब भी उसे बयां नहीं कर सकता। ठीक वैसी ही तस्वीर ने साल 1984 में भोपाल गैस हादसे के दौरान दुनिया भर का ध्यान खींचा था।

भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के कारखाने में साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात को मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हो गया था। मध्यप्रदेश सरकार ने गैस रिसाव से होने वाली मौतों की संख्या 3787 बताई थी। जबकि वास्तविक संख्या इससे कई गुना ज्यादा बताई जाती है। उस दौरान ली गई इस तस्वीर ने इस दुर्घटना की विभीषिका को दुनिया के सामने रखा।

करीब 4 साल पहले सीरियाई बच्चे एलन कुर्दी के शव की तस्वीर ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। देश में छिड़े गृहयुद्ध के बीच एलन का परिवार शरणार्थी बनकर तुर्की से ग्रीस जा रहा था लेकिन रास्ते में उनकी नौका डूब गई। बच्चे का शव तुर्की के मुख्य टूरिस्ट रिजॉर्ट के पास समुद्र तट पर औंधे मुंह पड़ा मिला। इस हादसे में एलन के पिता अब्दुल्ला बच गए।

अल-सल्वाडोर के रहने वाले ऑस्कर अलबर्टो मार्टिनेज अपनी 23 महीने की बेटी के बेहतर भविष्य के लिए नदी पारकर अमेरिका में शरण लेने के लिए जा रहे थे। उनके साथ उनकी पत्नी भी थी। अलबर्टो ने पहले 23 महीने की बेटी को अपनी टी-शर्ट में फंसाकर नदी पार कराई। फिर वो बेटी को दूसरी तरफ छोड़कर पत्नी को लेने के लिए वापस जा रहे थे। पिता को दूर जाता देख बेटी अचानक नदी में कूद गई।

अलबर्टो बेटी को बचाने के लिए वापस लौटे और उसे पकड़ भी लिया लेकिन पानी के तेज बहाव में दोनों बह गए। उनका शव रियो ग्रैंड नदी के किनारे औंधे मुंह पड़ा हुआ था। तस्वीर में बेटी का सिर पिता के टी-शर्ट के अंदर था

अफ्रीकी देश सूडान में 1993 में पड़े अकाल के वक्त भूख से तड़पते इस बच्चे की फोटो ने दुनिया को हिला कर रख दिया था। इस तस्वीर को दक्षिण अफ्रीका के फोटो जर्नलिस्ट केविन कार्टर ने लिया था। इस फोटो के लिए उसे पुलित्जर पुरस्कार भी मिला। लेकिन, उस बच्चे को न बचा पाने के गम में केविन डिप्रेशन में चले गए और अवॉर्ड मिलने के 3 महीने बाद ही उन्होंने आत्महत्या कर ली।

 

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