छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक सीमांत किसान, लेकिन लघु कृषकों ने अब तक बेचा सबसे ज्यादा धान

छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि लघु एवं सीमांत किसानों का धान पहले खरीदा जाए। खरीदी के लिए उन्हें पहले टोकन जारी करने कहा गया है। राज्यभर में अब तक हुई धान खरीदी के बीच यह जानकारी सामने आई है कि प्रदेश में सबसे अधिक सीमांत किसान हैं। लेकिन धान बेचने के मामले में लघु किसान सबसे आगे हैं। प्रदेश में गुरुवार तक 16 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में धान उत्पादक किसानों में सबसे अधिक संख्या 11 लाख 82 हजार सीमांत किसानों की है। सीमांत किसान वे हैं, जिनके पास ढाई एकड़ से कम जमीन है, लेकिन इन किसानों का धान लघु किसानों के मुकाबले कम खरीदा गया है। प्रदेश में ढाई से पांच एकड़ जमीन वाले लघु किसानों की संख्या 6 लाख 5 हजार से अधिक है।

इनका अब तक 1 लाख 4 हजार 9 सौ लाख रुपए का धान खरीदा गया है। खास बात ये है कि प्रदेश में 10 से 20 एकड़ जमीन वाले दीर्घ किसान मात्र 13 हजार 94 है, इनसे 29 हजार 179 लाख रुपए का धान खरीदा गया है। जबकि 20 एकड़ से अधिक रकबे वाले किसान 3 लाख 75 हजार हैं, लेकिन इनका 8 हजार 155 लाख रुपए का धान खरीदा गया है। ये हैं सरकार के निर्देश राज्य सरकार ने प्रदेश में धान खरीदी के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता के आधार पर टोकन जारी करने के निर्देश दिए हैं। सभी जिला कलेक्टरों को कहा है कि सहकारी समितियों से धान खरीदी के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता से टोकन जारी किए जाए। कलेक्टरों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जारी किए जाने वाले टोकन में 70 प्रतिशत टोकन लघु एवं सीमांत किसानों को जारी हों और सभी जिलों में यह प्रयास भी किया जाए कि लघु एवं सीमांत किसानों के धान विक्रय के लिए पंजीकृत रकबे के विरुद्ध धान की खरीदी एक बार में ही पूर्ण कर ली जाए। बड़े किसानों का धान नहीं बिक पाएगा सीमांत व लघु किसानों से पहले धान खरीदी संबंधी निर्देश को लेकर किसान मजदूर संघ के संयोजक ललित चंद्रनाहू का कहना है कि कलेक्टरों द्वारा छोटे किसानों का धान पहले खरीदी का निर्देश व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि किसी किसान का एक सप्ताह के किसी एक दिन अधिकतम 40 क्विंटल धान की खरीदी 10 हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि के किसानों का धान अंतिम तिथि तक नहीं बिक पाएगा। व्यावहारिक रूप से किसानों के पंजीयन की वरिष्ठता के आधार पर खरीदी किया जाना चाहिए। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है तथा विसंगति को दूर करने का आग्रह किया गया है।

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