नेत्रदान पखवाड़े का मूल उद्देश्य दृष्टिहीनता को घटाकर वर्ष 2020 तक 0.3 प्रतिशत पर लाना

रायपुर : राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा हर वर्ष 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक मनाया जाता है । नेत्रदान पखवाड़े का मूल उद्देश्य दृष्टिहीनता को घटाकर वर्ष 2020 तक 0.3 प्रतिशत पर लाना है। इस अभियान के अंतर्गत लोगों में नेत्रदान के महत्व पर जन जागरूकता बढाना है और लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करने के लिए प्रेरित करना है।

जिला अंधत्व नियंत्रण समिति नोडल अधिकारी रायपुर डॉ निधि ग्वालरे ने बताया पखवाड़े के दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं का निशुल्क नेत्र परीक्षण भी किया जा रहा है । इस कार्यक्रम के दौरान अब तक शालाओं लगभग 2700 से ज़्यादा छात्र-छात्राओं के नेत्र परीक्षण किये जा चुके हैं । साथ ही कार्यक्रमों में उनको बताया गया कि आंखों को किस प्रकार स्वस्थ रख सकते हैं आंखों को स्वस्थ रखने के लिए छोटे-छोटे टिप्स दिए गए जिन्हें विद्यार्थियों को नियमित जीवन में अपनाने को कहा गया । दिन में कम से कम 3 बार आंखों को साफ करना आंख में समस्या आने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना ।

डॉ. ग्वालरे ने बताया नेत्रदान के महत्व पर विशेषज्ञों ने बच्चों को जागरूक करने के साथ साथ नेत्रदान के विषय में भी व्यापक जानकारी प्रदान की गयी ।विशेषज्ञों ने बताया मृत्यु के 6 घंटे के अंदर नेत्रदान हो जाना चाहिए, नेत्रदान की सुविधा घर पर भी निशुल्क दी जाती है, विशेषज्ञों ने बताया नेत्रदान की घोषणा अगर मृत्यु पूर्व नहीं की गई है, तो परिवार के व्यक्ति भी नेत्रदान कर सकते हैं । जिन व्यक्तियों को चश्मा लगा हुआ है मधुमेह के मरीज हैं वह भी नेत्रदान कर सकते हैं । नेत्रदान दाता को मृत्यु से पहले एड्स पीलिया कर्करोग (कैंसर) रेबीज सेप्टीसीमिया टिटनेस हेपेटाइटिस तथा सर्पदंश जैसी कोई बीमारी नहीं हो । अगर थी तो नेत्रदान अयोग्य माना जाता है । नेत्रदान हेतु डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर फोन नं. 0771-2890067 पर संपर्क कर सकते हैं ।

जिला चिकित्सालय रायपुर के सिविल सर्जन डॉ रवि तिवारी ने बताया आंखों का दान करने से तीन परिवारों में खुशियां आती है। सबसे बड़ी खुशी तो उस परिवार को होती है जिसके घर के व्यक्ति ने नेत्रदान किया है ।डॉ तिवारी ने बताया उन्होने उनकी पत्नी और ड्राइवर ने भी इस बार नेत्रदान करने का घोषणा की है। नेत्रदान वह दान है जिसके बाद दुनिया दुबारा देखी जा सकती है। डॉ तिवारी ने बताया ।

रायपुर ज़िले में कार्यक्रम का शुभारंभ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुढ़ियारी से किया गया । इसी कडी में चांगोराभाटा के सामुदायिक भवन में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया।विकासखण्ड अभनपुर के ग्राम खोली में,धरसीवां विकासखण्ड के ग्राम मोवा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला  और तिल्दा विकासखण्ड के ग्राम तुलसी में कार्यक्रम किये गये हैं।

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