भंडारा में आग से 10 बच्‍चों की मौत का हादसा: PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया, परिवारों को सांत्‍वना

महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात विशेष नवजात देखरेख इकाई में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है. इस दुखद घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख व्‍यक्‍त किया है. घटना के बाद राज्‍य सरकार ने जहां पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है, वहीं, राज्‍य के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है, ”महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली त्रासदी है, जहां हमने कीमती युवा जीवन को खो दिया मेरे विचार सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएंगे.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जताया दुख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हादसे पर ट्वीट करते हुए कहा, महाराष्ट्र के भंडारा ज़िला अस्पताल में लगी आग दुर्घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्‍त परिवारों के साथ हैं. भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दें.

परिजनों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी
महाराष्ट्र के स्‍वाथ्‍य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने की घटना में मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी. यह बयान उन्‍होंने राज्‍य के भंडारा ज़िला अस्पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हुई है.

मुख्‍यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री ने भंडारा जिला अस्‍पताल में आग लगने से 10 बच्‍चों की हुई मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) बताया हे कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ज़िला अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ-साथ भंडारा ज़िले के ज़िला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात की. उन्होंने जांच का भी आदेश दिया है.

भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत
महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात विशेष नवजात देखरेख इकाई में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई. एक डॉक्टर ने बताया कि नवजात बच्चों की उम्र एक महीने से तीन महीने के बीच थी. जिला सिविल सर्जन प्रमोद खंडाते ने बताया कि भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बजकर 30 मिनट के आसपास आग लग गई. इकाई में 17 बच्चे थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया.

नर्स ने देखा धुआं, 17 में से 10 बच्‍चों की मौत हो गई
सबसे पहले एक नर्स ने अस्पताल के शिशु देखभाल विभाग से धुआं उठते देखा, जिसके बाद डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को जानकारी मिली और वे पांच मिनट के भीतर यहां पहुंच गए. इकाई के ‘इनबाउंड वार्ड’से सात बच्चों को दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन 10 बच्चों को बचाया नहीं जा सका.

शॉर्ट सर्किट होने का संदेह
जिला सिविल खंडाते ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है, वहां लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत होती है. ”वहां आग बुझाने वाले उपकरण थे और कर्मियों ने उनसे आग बुझाने की कोशिश की. वहां काफी धुआं हो रहा था.” उन्होंने बताया कि आग का शिकार होने वाले बच्चों के माता-पिता को इसकी जानकारी दे दी गई है और बचाए गए सात बच्चों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है. आईसीयू वार्ड, डायलिसिस और लेबर वार्ड से रोगियों को सुरक्षित दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है. अभी तक आग लगने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट होने का संदेह है.

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