रायपुर. पुलिस विभाग में अनुकंपा के लिए लटकती फाइलें अब इस रफ्तार से चलने लगी है कि इसने 20 सालों में बनने वाली पेंडेंसी के रिकार्ड को ही बदलकर रख दिया है। आलम अब कुछ इस तरह का है कि 465 केस में झूलती फाइलों की पेंडेंसी शून्य रह गई है। अलबत्ता पिछले दो साल के अंदर में प्रकरणों का इस रफ्तार से निराकरण हुआ है कि मायूस परिवारों को हाथों हाथ नौकरी मिलने से चेहरों पर मुस्कान लौटी है। एक ताजे मामले में जीआरपी में पदस्थ एक जवान की मौत हो जाने के बाद पत्नी को हाथों हाथ उसी दिन नौकरी मिली जिस दिन उसका आवेदन पीएचक्यू पहुंचा। डीजीपी डीएम अवस्थी के पास प्रकरण आते ही तुरंत निपटारा करते हुए हाथ में आदेश की कॉपी देने आदेश जारी हुए। महिला के पति की मौत कोविड काल के दौरान हुई। पहले कोरोना संक्रमण के बाद पति ने कई दिनों तक अस्पताल में संघर्ष किया। जब वे घर लौटे कि हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई। घटनाक्रम के बीच पत्नी गर्भ से थी। पति के गुजर जाने के एक माह बाद बच्चे ने जन्म लिया। एक माह के बच्चे के संग पहुंची महिला ने मिन्नत की और तुरंत डीजीपी ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आर्डर जारी कर दिया। देखा जाए तो अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में पुलिस मुख्यालय आज की स्थिति में अन्य विभागों के लिये मिसाल बनता दिख रहा है।
राज्य बनने के बाद मुख्यालय स्तर पर अनुकंपा नियुक्ति का एक भी प्रकरण अकारण लंबित नहीं है। विगत दो वर्षों की बात करें तो अब तक 4 सौ 65 दिवंगत पुलिसकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गयी है। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। राज्य के बनने के बाद से अब तक इतनी बड़ी संख्या में अनुकंपा नियुक्तियां प्रदान नहीं की गयीं हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश के स्पष्ट निर्देश हैं कि पुलिस परिजनों के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ उनकी सभी समस्याओं का निराकरण किया जाये। संकट से जूझते परिवार को राहत पुलिस परिवार के घर में खुशियाँ आने वाली थीं कि दु:ख का पहाड़ टूट पड़ा। रायपुर जीआरपी में तैनात पुलिस जवान को सितंबर में कोरोना हुआ, अस्पताल से ठीक होकर घर भी आ गए। लेकिन अगले ही दिन दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। इस दौरान उनकी पत्नी नेहा त्रिपाठी गर्भवती थीं । अगले माह बेटे ने जन्म लिया। जिस कारण उस समय आवेदन नहीं कर पायीं। नेहा 20 जनवरी को पुलिस मुख्यालय पहुंची। तुरंत अनुकंपा मिलने से परेशान दूर हुई।
मिल रहे अनुकंपा आदेश डीजीपी अवस्थी ने अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए संबंधित शाखा में सख्त निर्देश दिये हैं कि सभी प्रकरणों को संवेदनशीलता से निराकृत करें। प्रत्येक शुक्रवार को खुशियों का शुक्रवार नाम से कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है जिसमें डीजीपी पुलिस परिजनों से मुलाकात कर समस्याओं का निराकरण करते हैं। इस कार्यक्रम में भी अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाया जाता है।