हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए, सामाजिक संबंधों के सिद्धांत हर जगह एक तरह से ही लागू होते हैं। लेकिन हम अपनी सुविधा के लिए मान लेते हैं कि यह निकट संबंधियों पर लागू नहीं होते। जबकि ऐसा नहीं है। एक बात जो बाहरी व्यक्ति के लिए सही होती है, वह अपने नजदीकी रिश्तेदारों विशेषकर मायके वालों के मामले में सही कैसे नहीं हो सकती? खासकर मायके में माता-पिता से उधार लेने से बचना चाहिए। अगर उधार लेना भी पड़े तो समय पर उन्हें लौटा देना चाहिए। साथ ही अपनों या माता-पिता से उधार लेते वक्त कुछ और बातों का भी ख्याल रखना चाहिए ताकि रिश्तों कभी कोई खटास न पैदा हो। माता-पिता की स्थिति जान लें किसी से उधार लेते समय जिन बातों पर ध्यान देने की बात कही जाती है, वही बातें अपने माता-पिता के साथ भी ध्यान रखनी चाहिए। सबसे पहले समझ लें कि कोई जरूरी नहीं है कि उम्र के जिस मोड़ में आप अपने माता-पिता से उधार की उम्मीद कर रही हैं,वे इसकी स्थिति में ना हों। इसलिए अगर मजबूरीवश माता-पिता से उधार मांगना भी पड़े तो पहले उनसे साफ-साफ प्यार से पूछ लें कि क्या वे उधार देने स्थिति में हैं? यह पूछना इसलिए भी जरूरी है, कहीं ऐसा ना हो कि आपकी मांग को पूरा ना कर पाने के कारण माता-पिता दुखी हों या अपराध बोध से ग्रस्त हो जाएं। अगर माता-पिता से कुछ पैसे उधार मांगने हैं तो पहले उनसे अकेले में चुपचाप पूछ लें कि क्या उनके पास वाकई पैसे हैं? कई बार हम गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं कि उनके पास काफी पैसे हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं है। ऐसी स्थिति में सबके सामने आप अपने माता-पिता से पैसे मांगें और वे ना देने की स्थिति में हों तो उन्हें शर्मिंदा होना पड़ेगा, आपको भी तकलीफ होगी कि नाहक ही हमने उन्हें परेशान किया, दुख पहुंचाया।
समय पर वापस करें जब माता-पिता या मायके में अपने भाई-बहन से पैसे लेने ही पड़ें तब अपनी ससुराल वालों से स्पष्ट कर दें कि उनके दिए गए पैसे वापस करने होंगे। अगर माता-पिता अच्छी हैसियत के हैं और आपकी मांग पूरी कर सकते हैं तो भी सही यही है कि उनसे जो भी पैसे लें, वे उधार के तौर पर ही लें। जैसे ही आपकी आर्थिक स्थिति सुधरे, तुरंत उधार लिया गया पैसा वापस कर दें। इससे अगली बार जरूरत पड़ने पर पैसा मांगने में आपको संकोच नहीं होगा। इससे आपकी ससुराल में इज्जत भी बनी रहेगी। रिश्ते न हों खराब उधार लेने से जिस तरीके से अच्छे से अच्छे घनिष्ठ व्यक्ति के साथ भी हमारे रिश्ते लड़खड़ा जाते हैं। ठीक उसी तरीके से हमारे आत्मीयजनों से भी रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अव्वल तो कोशिश यह करें कि मायके या निकट के संबंधियों से कुछ उधार लेना ही ना पड़े, अगर लें भी तो वापस करने को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट रहें। वरना उधार प्रेम की कैंची का सिद्धांत, आप पर भी वैसा ही लागू होगा, जैसे दूसरों पर लागू होता है।