रेल बजट 2021: किसान रेल से बढ़ेगी किसानों की आय, खर्च बढ़ाने की हो सकती है घोषणा

Rail Budget 2021-22: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा. उम्मीद की जा रही है कि किसान की उन्नति को प्राथमिकता देने का दावा करने वाली मोदी सरकार आगामी बजट में किसान रेल और कृषि उड़ान योजना पर ख़र्च को बढ़ाया जा सकता है. कोरोना महामारी की वजह से इस पर भी बुरा असर पड़ा है. ऐसे में किसान रेल और कृषि उड़ान योजना को बढ़ावा देकर किसानों को ज्यादा से ज्यादा फसल की कीमत दिलाने की कोशिश होगी. बता दें कि साल 2017 से पहले रेल बजट को आम बजट से अलग पेश किया जाता था. लेकिन अब आम बजट के साथ ही रेल बजट पेश किया जाता है.

किसानों की आय बढ़ाना है उद्देश्‍य
किसानों की उन्‍नति के लिए पिछली बार के बजट में सरकार ने ‘किसान रेल’ की घोषणा की थी, जिसके तहत अबतक देशभर में 18 रूट पर इसकी शुरुआत की जा चुकी है. कोरोना काल में रेलवे के साथ ही किसान को भी खासा नुकसान हुआ था. मौजूदा परिस्थितियों को देखकर और किसान ट्रेनों की बात बजट में हो सकती है.

केंद्रीय बजट 2020-21 के बजट की घोषणा के बाद पिछले साल 7 अगस्त को देवलाली (महाराष्ट्र) और दानापुर (बिहार) के बीच पहली किसान रेल चलाई गई थी. इसके तहत दूध, मीट और मछली सहित जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों की ढुलाई की जाती है. किसान रेल के जरिए किसानों को फल और सब्जियों के परिवहन पर 50 फीसदी की छूट दी जाती है.

राजस्व बढ़ाने के लिए किसानों और मालगाड़ी पर फोकस
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कुछ हिस्से इस साल शुरू होंगे. इससे माल ढुलाई को मजबूती मिलेगी. रेलवे को राजस्व बढ़ाने के लिए माल ढुलाई पर भी फोकस करना है. यह मल्टी-कमोडिटी, मल्टी-कंसाइनर/कंसाइनी, मल्टी-लोडिंग/अनलोडिंग परिवहन सेवा है, जिसका उद्देश्य किसानों को बड़े स्तर पर बाजार उपलब्ध कराना है. किसान रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य उत्पादन केंद्रों को बाजार और उपभोक्ता केंद्रों से जोड़कर कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाना है.

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