सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) को मौत को काफी वक़्त हो गया है. सीबीआई (CBI) भी जांच कर रही है, लेकिन इस मामले में अब तक जांच एजेंसी किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है. सीबीआई को ऐसे सुबूत नहीं मिले हैं, जिससे ये साबित हो कि सुशांत की मौत के पीछे कोई साजिश थी. इस बीच सुशांत सिंह राजपूत के फैंस को झटका लगा है. प्रशंसकों की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विचार करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इसे लेकर कोई याचिका दायर करनी है तो हाईकोर्ट (High Court) जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच पर सीबीआई (CBI) को स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम के साथ ही प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे (SA Bobde) की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता पुनीत कौर ढांडा की ओर से वकील विनीत ढांडा के माध्यम से दायर याचिका को खारिज कर दिया.
पीठ ने कहा, “हम इस याचिका पर विचार नहीं करने जा रहे हैं. आप हाईकोर्ट जाएं.” पुनीत ढांडा द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चार महीने पहले शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह अभिनेता की मौत के मामले में जांच करे, लेकिन तब से अब तक कुछ नहीं हुआ है. अधिवक्ता विनीत ढांडा के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत ने 19 अगस्त, 2020 को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी पर विश्वास जताया और अभिनेता की अप्राकृतिक मौत के मामले में उसे जांच का निर्देश दिया, क्योंकि उनकी मृत्यु ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और यहां तक कि भारत के अलावा विदेशों में भी उनके प्रशंसकों को इससे बड़ा झटका लगा. याचिका में कहा गया है कि इस अदालत ने 19 अगस्त, 2020 को सीबीआई जांच के लिए एक आदेश पारित किया और लगभग चार महीने बीत जाने के बावजूद सीबीआई अभी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. सुशांत सिंह राजपूत की मौत का कारण जानने के लिए उनके प्रशंसकों, शुभचिंतकों को आज भी इंतजार है.
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि शीर्ष अदालत को जांच को अंतहीन रूप से चलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि सीबीआई को सुशांत की मौत के संबंध में जांच की प्रगति में एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाए. साथ ही दो महीने की अवधि में इसकी जांच पूरी की जाए. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीबीआई वर्तमान मामले में जिम्मेदारी से काम नहीं कर रही है और मामले की जांच के निष्कर्ष में देरी हुई है.