नई दिल्ली: कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी रहेगी।
कृषि मंत्री ने कहा, ’15वें वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों को 2.36 लाख करोड़ रुपये प्रदान करने की सिफारिश की है, जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के लिए लगभग 43,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 5 लाख में ग्राम पंचायतों के माध्यम से 2.8 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘ हमने मनरेगा के लिए लगातार फंड बढ़ाया। जब COVID-19 ने देश को अपनी चपेट में लिया तो हमने मनरेगा को निधि आवंटन 61,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.115 लाख करोड़ रुपये कर दिया। 10 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया।’
राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया। मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी, उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है।’
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे। जब तक आपकी सरकार थी, उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था। लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की, लेकिन इसे परिमार्जित हमने किया।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6,000 रुपये का योगदान दिया। आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने उत्पादन लागत से 50% अधिक एमएसपी प्रदान करना शुरू कर दिया है। साथ ही 1 लाख करोड़ रुपये कृषि बुनियादी ढांचा कोष आत्मनिर्भर पैकेज के तहत दिया गया है। हमने कृषि क्षेत्र में अपेक्षित निवेश सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।’
आनंद शर्मा ने पीएम किसान योजना में 10,000 करोड़ रुपये बजट घटाने का मुद्दा उठाया, जिसपर कृषि मंत्री ने कहा, ‘पीएम किसान योजना का सृजन हुआ तो 14.50 करोड़ किसान का संख्या का अनुमान लगाया था। जिसके लिए 75000 करोड़ रुपये प्रावधान किया गया था, लेकिन अभी 10 करोड़ लोग केवल जुड़े है। बंगाल में भी योजना शुरू होग़ी तो 70 लाख लोग जुड़ जाएंगे। जैसे लोग जुडेंगे बजट बढ़ाया जायेगा। पीएम किसान के लिए फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार ने 100 किसान रेल शुरू की, जोकि चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज है।’
3 कृषि कानूनों पर तोमर ने कहा, ‘यह सुधार का मुद्दा ज्वलंत है। सरकार को कोसने में आपलोगों ने कंजूसी नहीं की। मैंने किसान नेताओं से पूछा कानून में काला है, मुझे नहीं बताया गया। इस सदन में भी कहा गया, लेकिन कोई नहीं बता पाए, जिससे मैं सुधार कर पाऊं। केंद्र सरकार एपीएमसी मंडी से टैक्स हटाना चाहती है, राज्य सरकार टैक्स लगाना चाहती है। टैक्स लगाने के खिलाफ आंदोलन होना चाहिए या टैक्स हटाने वाले के खिलाफ। देश में उल्टी गंगा बह रही है। हमने किसानों के बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा है।’
कृषि मंत्री ने कहा, ‘लेकिन यह हमने जरूर कहा है कि जो गलत प्रावधान है, वह हमें बताएं। आपको जो शंका है, वह बताएं। अगर आपको शंका है कि एपीएमसी खत्म हो जाएगा तो हमने कहा कि हम आपके शंका को दूर करेंगे। भारत सरकार किसी भी संशोधन को तैयार है। जब हम संशोधन को तैयार हैं, इसका मतलब यह नहीं कि कानून में कुछ गलती है। कांट्रैक्ट फार्मिंग में कहां लिखा है कि जमीन किसान की ले ली जाएगी। खून से खेती कांग्रेसी कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी नहीं।’