श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर आज अफ्रीका और यूरोप के राजदूतों का प्रतिनिधमंडल पहुंच रहा है. ऐसे में कश्मीर का राग अलापना पाकिस्तान शुरू कर चुका है और पाकिस्तान कहता फिर रहा है कि कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से दुनिया का ध्यान भटकाना चाहती है. लेकिन इस बाबत भारत सरकार ने कोई बयान जारी नहीं किया है. लेकिन संभावना है कि भारत पाकिस्तान का मुंह बंद करने को लेकर माकूल जवाब देगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में पाकिस्तान के कथित दावों यानी कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन का जवाब देने के लिए कश्मीर घाटी में यह दौरा कराया जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इस विदेशी डेलीगेशन के दौरान का मुख्य कारण पाकिस्तान को उचित जवाब देना है
संभावना है कि भारत सरकार के अधिकारी इन विदेशी मेहमानों को जम्मू-कश्मीर में चल रहे विकास के कार्यों से भी अवगत कराए. साथ ही इन्हें डीडीसी के चुनावों के नतीजे भी बताए जाएंगे. बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूरोपिय यूनियन के राजदूतों से मदद मांगी थी कि भारत जम्मू-कश्मीर में बर्बरता कर रहा है. बता दें कि पाकिस्तान लगातार भारत पर ऐसे आरोप लगाते रहता है जिसका खंडन भारत सरकार लगातार करती आई है