जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में 11 महीने बाद आंगनवाड़ी केंद्र फिर से खुल गए हैं. अब देश में कोविड-19 के मामले कम होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में लगे प्रतिबंध में छूट दी गई है जिसके बाद स्कूल-कॉलेज, बाजार-प्रतिष्ठान इत्यादि को गाइडलाइंस के साथ ही फिर से पहले की तरह खोलने की अनुमति दी गई है
अधिकारी ने बताया-11 महीने बाद खुल रहे हैं आंगनवाड़ी केंद्र
राजौरी के एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा है कि हमारे 1,669 आंगनवाड़ी केंद्र कोविड-19 के प्रकोप के कारण लगभग 11 महीने से बंद थे. हालांकि, इन कोशिशों के बावजूद, हमारे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और लोगों को डोर-टू-डोर सुविधाएं प्रदान कराईं. इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों को पका हुआ भोजन भी मुहैया कराया
केंद्र में फिर से बच्चों को सभी सुविधाएं मिलेंगी
उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते, हमारे अधिकारियों ने जिला कलेक्टर के साथ एक समीक्षा बैठक की थी और इस समीक्षा बैठक में हमने आज केंद्रों को फिर से खोलने का फैसला किया है. पिछले हफ्ते से, हमने सुनिश्चित किया है कि सभी आंगनवाड़ी केंद्र में स्वच्छता, स्वच्छ शौचालय, पानी आदि की सुविधाएं मुहैया कराएंगे.
खुश हैं बच्चों के माता-पिता
राजौरी के पालम गांव में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मंजू शर्मा ने एएनआई को बताया कि, आंगनवाड़ी केंद्रों के खुलने से माता-पिता खुश हैं. बच्चे भी हमारे केंद्रों में वापस आने से खुश हैं. मैं मुख्य बाजार, वार्ड नंबर 2, पालम केंद्र में काम करती हूं. इस महामारी में, कई गरीब बच्चों की पढ़ाई भी बंद रही है. ऑनलाइन मोड के माध्यम से अध्ययन कराने की कोशिश की जा रही है.
घर में बच्चों के पास स्मार्टफोन भी नहीं था, वहीं कुछ बच्चों के पास स्मार्टफोन या कंप्यूटर था भी था तो उनके पास इंटरनेट का एक्सेस बहुत मुश्किल से मिल रहा था. इसलिए इस केंद्र में वापस आने से, माता-पिता और बच्चे दोनों खुश हैं.
केंद्र खुलने से बच्चे भी खुश हैं
पालम के आंगनवाड़ी केंद्र में नियमित रूप से जाने वाली एक लड़की ने कहा, मुझे यहां भोजन मिलता है और मैं अंग्रेजी वर्णमाला भी सीखती हूं और गणित भी पढ़ती हूं, मुझे यहां आने में मजा आता है.
एक माता-पिता ने, जो अपने बच्चे को इस केंद्र में भेजते हैं, उन्होंने कहा कि, मुझे खुशी है कि यह केंद्र फिर से खुल गया है और मेरा बच्चा इस केंद्र में पढ़ रहा है. पढ़ाई के साथ ही वह कई आत्म-विकास कौशल भी सीख रहा है, मेरा बच्चा अब आत्मनिर्भर हो रहा है.