संविलियन के बाद भी 4 माह से नहीं हुआ है वेतन भुगतान…. कार्यालय की लापरवाही का शिकार हुई महिला शिक्षिका दर-दर भटकने को मजबूर

किसी के लिए संविलियन खुशी की सौगात लेकर आया है तो किसी के लिए परेशानी का सबब और परेशानी भी ऐसी कि दूसरों की कर्म की सजा दूसरे को भुगतनी पड़ रही है । ऐसा ही मामला निकल कर सामने आया है अंबिकापुर से , जहां शासकीय प्राथमिक स्कूल लक्ष्मीपुर में विभाग को 7 सालों से सेवा दे रही महिला शिक्षिका कुमारी श्वेता तिर्की को संविलियन होने के 4 माह बाद भी वेतन नहीं मिला है , ऐसे में उनकी मानसिक और आर्थिक स्थिति क्या होगी यह आसानी से समझा जा सकता है लेकिन जिन्हें इस समस्या का निराकरण करना है उन्हें शायद यह बात समझ नहीं आ रही है तभी तो एक छोटी सी समस्या को इतना विकराल बना दिया गया है। श्वेता तिर्की का 2016 में ही प्रान नंबर जनरेट हो चुका था लेकिन नगर पालिका चांपा कार्यालय द्वारा उनके प्रान नंबर को एक्टिवेट ही नहीं किया गया।

2016 से 2020 के बीच में उनके प्रान खाते में राशि भी जमा नहीं की गई और अब उनका स्थानांतरण अंबिकापुर हो चुका है वर्तमान में भी उनका प्रान नंबर एक्टिवेट नहीं किया गया है जिसके लिए वह अपने सभी कार्यालयों में कई बार आवेदन दे चुकी है बावजूद इसके उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ है।  अब उन्होंने इसकी लिखित जानकारी शिक्षक संगठन के जरिए उच्च अधिकारियों को भेजी है , सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने मामले की जानकारी मिलते ही तत्काल लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक जितेंद्र शुक्ला को , कोष एवं लेखा पेंशन के के एल रवि को और नगरीय प्रशासन विभाग के उपसंचालक सौमिल रंजन चौबे को पूरे मामले की जानकारी भेजी है और उनसे त्वरित निराकरण का निवेदन किया है ।

शीघ्र वेतन भुगतान के लिए उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया है मामला – विवेक दुबे

निचले कार्यालयों की लापरवाही के चलते महिला शिक्षिका परेशान हुई है क्योंकि अप्रैल 2016 में ही उनका प्रान एकाउंट जनरेट हो चुका है ऐसे में तत्कालीन नगर पंचायत चांपा को उसी समय उनके प्रान नंबर को एक्टिवेट करके उनके खाते में राशि डालना था । संविलियन होने के उपरांत भी यह महज एक दिन का काम था जिसमें केवल प्रान नंबर को एक्टिवेट करना था किंतु जानबूझकर कर्मचारी को घुमाया जा रहा है इस पूरे मामले की लिखित शिकायत मैंने डीपीआई , नगरीय प्रशासन विभाग और कोष एवं लेखा पेंशन के उच्च अधिकारियों से की है और उनसे त्वरित निराकरण के लिए निवेदन किया है ।

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