धान के बाद अब चावल की भी होगी नीलामी, रेट का फैसला करेगी कमेटी

रायपुर. भूपेश कैबिनेट ने धान खरीदी के बाद केंद्र के झटके से उबरने के लिए अतिशेष धान के साथ कस्टम मिलिंग कर चावल की भी नीलामी करने का फैसला किया है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है, इससे राज्य का नुकसान कम होगा। कैबिनेट में कई और महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी। इसमें लघु वनोपज का मामला भी है। सरकार ने तय किया है, हर्बल प्रोडक्ट, वनोपज की बिक्री बढ़ाने सरकारी विभागों के लिए खरीदी अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को विधानसभा के समिति कक्ष में हुई बैठक के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि केंद्र के 60 लाख मीट्रिक़ टन चावल नहीं लेने की स्थिति में राज्य सरकार ने दो विकल्प रखे हैं। इसमें पहला खुले बाज़ार में धान की नीलामी, फिर कस्टम मिलिंग कर चावल की नीलामी करेंगे। इससे राज्य को नुक़सान कम होगा। नीलामी में प्राप्त अधिकतम दर का अनुमोदन धान खरीदी और कस्टम मिलिंग के लिए गठित मंत्रिमण्डलीय उप समिति द्वारा किया जाएगा। नागरिक आपूर्ति निगम में उपलब्ध चावल की विक्रय दर मंगाने के लिए खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया। गौरतलब है, राज्य में 92 लाख मीट्रिक़ टन धान की खरीदी इस वर्ष हुई है। इसमें केंद्र के एफसीआई कोटे में 24 लाख मीट्रिक टन चावल लिए जाने की अनुमति दी गई है। वहीं राज्य के पीडीएस में 24 लाख मीट्रिक़ टन चावल की खपत होगी, इस तरह साढ़े बीस लाख मीट्रिक टन धान के निराकरण के लिए यह निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने तय किया कि इस धान को समितियों से ही नीलाम किया जाएगा।

नान में जमा होगा पिछले साल का चावल कैबिनेेट ने साल 2019-20 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में से अनुमानित 2.27 लाख मीट्रिक टन धान के निपटान का उपाय भी तय किया है। बताया गया कि उसना कस्टम मिलिंग का शेष 1.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य निरस्त कर दिया जाएगा। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में 28.55 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य तय हुआ था। इसमें 92 हजार मीट्रिक टन जमा करना शेष है, अब उसके अतिरिक्त 60 हजार मीट्रिक टन चावल नान में जमा किया जाएगा। विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम को मंजूरी कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) अधिनियम 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। यह विधेयक चालू सत्र में ही पेश किया जाएगा। कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड के कोरबा में स्थापित 120 मेगावाट क्षमता की दोनो इकाइयों को बंद करने के लिए कंपनी के संचालक मण्डल द्वारा लिए गए निर्णय का समर्थन किया। पाॅवर प्लांट को बंद करने से खाली हुई भूमि के वैकल्पिक उपयोग का फैसला करने के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है।

कोदो-कुटकी का भी समर्थन मूल्य राज्य सरकार ने प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में कोदो-कुटकी एवं रागी की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है। आदिवासी क्षेत्रों में इनका बहुत कम उत्पादन होता है, लेकिन स्थानीय बाजारों में इनका मूल्य भी नहीं मिलता। खरीफ सीजन में कोदो-कुटकी आदि का रकबा 100-125 हेक्टेयर है। इसमें 25 से 26 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। सरकारी महकमों में वन उत्पाद की खपत मंत्री चौबे ने बताया कि सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल उत्पादों तथा लघु वनोपज के प्रसंस्करण से प्राप्त प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के शासकीय विभागों द्वारा ख़रीदी किए जाने का निर्णय लिया है। राज्य लघु वनोपज संघ के पास उत्पाद उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में शासकीय विभागों को संंघ से एनओसी लेनी होगी। उसके बाद ही खुले बाजार से उन उत्पादों की खरीदी हो सकेगी। कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ और उसकी साझीदार फर्मों के जरिए निर्मित ऐसे उत्पादों के लिए छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम में बदलाव को मंजूरी दी है। खरीदी मूल्य के निर्धारण के लिए छह सदस्यीय समिति के गठन का भी निर्णय लिया गया। राज्य में लघु वनोपज के परिवहन में टीपी नियम को शिथिल करने का निर्णय लिया है। इसके तहत लकड़ी, खनिज, वन्यजीव उत्पाद तथा तेंदूपत्ता को छोड़कर समस्त अनशेड्यूल लघु वनोपजों को यह छूट मिलेगी।

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