रायपुर जिले में कोटवारों से जमीन खरीदकर वहां आलीशान मकान बनाने वाले लोगों को प्रशासन की तरफ से जल्द नोटिस जारी करने की तैयारी है। सेवा भूमि में स्वामित्व के लिए कराई गई रजिस्ट्री अब जल्द रद्द होंगी। प्रशासन बेची गई इन जमीनों को दोबारा सरकारी खाते में दर्ज करेगा। गुरुवार को अपर कलेक्टर कार्यालय से सभी तहसीलों, पटवारियों और राजस्व अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर कार्रवाई का ब्योरा देने को कहा गया है। यह कार्रवाई तब हुई है जब जिले में सालों पहले से कोटवारों द्वारा खुद को भू-स्वामी बताकर दूसरे के नामों पर सरकारी जमीनों की बंदरबाट की गई है। रकबा में करीब 135 एकड़ से ज्यादा जमीनें दूसरों के नाम पर रजिस्ट्री करा दी गई हैं। जिसे हाईकोर्ट का नया आदेश जारी होने के बाद अब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए वहां की जमीनों में वापस सरकारी दखल से शासकीय कब्जे के लिए आदेश जारी किया है।
अपर कलेक्टर की ओर से जारी आदेश में कई अहम बिंदुओं को शामिल कर संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया गया है। बता दें कि जिले में बेची गई सेवा भूमि की कीमत आज की स्थिति में करोड़ों रुपये है। यही नहीं है कि यहां आलीशान निर्माण होने के बाद महंगी कॉलोनियों के बीच भवनों की कीमतें भी करोड़ रुपये के पार है। कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन के बताए अनुसार सभी तहसीलों को पत्र जारी कर कार्रवाई चल रही है। बिक्री पर तत्काल रोक, अभिलेख में अहस्तांतरण जारी आदेश के मुताबिक सभी तहसीलों में पटवारी सेवाभूमि के खसरे की जमीनों पर बी-01 के अभिलेख में अहस्तांतरणीय शब्द लिखा जाना सुनिश्चत करेंगे। खाता बही में यह लिखे जाने के बाद जमीन की खरीदी बिक्री नहीं होगी। क्रेताओं को नोटिस देकर जानकारी दी जाएगी। यही नहीं उनसे जवाब भी लिया जाएगा।
2014 में भी राज्य शासन ने जारी किए थे निर्देश ठीक 7 साल पहले राज्य शासन ने सभी तहसीलों में सख्त निर्देश जारी करते हुए जानकारी तलब की थी। इस दौरान जिन बिंदुओं में निर्देश जारी हुए उनमें मुख्य रूप से कितने कोटवारों को कितनी जमीन का स्वामी हक दिया गया है? कितनी जमीनें बेची गई है? क्रेताओं के विरुद्ध अवैध नामांतरण के मामले में कार्रवाई सुनिश्चत करें। नए आदेश के बाद यह कार्रवाई सुनिश्चित की – कोटवारों को दी गई भूमि के अभिलेख में अहस्तांतरणीय शब्द लिखा जाना – जमीन संबंधी दस्तावेजों की उप पंजीयक कार्यालय से प्राप्ति और न्यायालय में वाद दायर करना – 2003 के परिप्रेक्ष में कोटवारों को आवंटित सेवा भूमि नए सरकारी रिकार्ड में फिर से सेवा भूमि दर्ज करना – क्रेताओं के मामले में अवैध अंतरण एवं अवैध नामांतरण के विरुद्ध में नोटिस जारी करने की कार्रवाई