रायपुर : शराब, तंबाकू एवं अन्य नशा के प्रति जागरूकता लाने जीवीके ईएमआरआई द्वारा व्यसन मुक्त कार्यशाला शुक्रवार को आयोजित हुई, जिसमें नशाखोरी से होने वाले नुकसान के विषय में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई। इस दौरान जीवीके के लगभग 30 कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने व्यसन मुक्ति का संकल्प लिया।
आयोजित कार्यशाला के दौरान कर्मचारियों ने दूसरों को भी व्यसन मुक्ति के लिए जागरूक करने का प्रण लिया। डॉ. आनंद वर्मा सलाहकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ एवं डॉ. डी. एस. परिहार सहायक चिकित्सा अधिकारी एवं नैदानिक मनोचिकित्सक ने उपरोक्त कार्यशाला के माध्यम से जीवीके कर्मियों को नशाखोरी यानि तंबाकू, शराब एवं अन्य नशा सेवन से होने वाली शारीरिक , मानसिक एवं आर्थिक नुकसान के साथ ही व्यसन से होने वाली बीमारियों को भी बताया गया। जीवीके इएमआरआई स्टेट हेड रामकृष्ण वर्मा के नेतृत्व में आयोजित कार्यशाला में नशाखोरी से बचने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद उपस्थित कर्मचारियों ने नशा का त्याग करने व दूसरों को भी नशा मुक्त करने हेतु जनजागरूकता लाने की शपथ ली। जीवीके इएमआरआई के शिबू ने बताया कि एक दिवसीय कार्यशाला में जीवीके के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
प्रत्येक 8 सेकंड में 1 व्यक्ति की मौत – विशेषज्ञों डॉ. आनंद और डॉ. डी.एस. परिहार ने बताया पूरे विश्व में प्रत्येक 8 सेकंड में 1 व्यक्ति की मौत नशे की वजह से हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य भी नशाखोरी के मामले में शीर्ष पर है। सर्वाधिक युवा वर्ग ही नशे का शिकार हो रहा है। इसलिए युवाओं को व्यसन मुक्ति की ओर अग्रसर करना सामूहिक जिम्मेदारी है, इससे छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश का भविष्य उज्जवल होगा।