रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को दंतेवाड़ा में हाल में पुलिस कस्टडी में आत्महत्या करने वाली आत्मसमर्पित नक्सली पांडे कवासी का मामला विपक्ष के विधायकों ने शून्य काल में उठाया।
विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाकर आधे घंटे की चर्चा की मांगी की।
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा “पांडे कवासी की आत्महत्या नहीं हत्या का प्रकरण है उठाकर सरेंडर कराने का ड्रामा किया गया।”
बीजेपी विधायक नारायण चंदेल ने कहा “लगातार बस्तर में अनेक घटनाएं घट रही है। आदिवासी और वनवासी आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं”।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा पुलिस जब जब विधानसभा चलती है, पुलिस अभिरक्षा में मौत हो जाती है। पदोन्नति और नगद इनाम के चक्कर में ऐसा हो रहा है। पुलिस के संरक्षण में पांडे कवासी की हत्या हो जाती है।
विधायक सौरभ सिंह ने कहा “बस्तर में नक्सलियों के सरेंडर के फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा है। पुलिस के मापदंडों को नहीं मानने पर इस तरह की कार्यवाई की जा रही है। बस्तर में अदिवासियों के अधिकार का हनन किया जा रहा है”।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा “नक्सलियों की हत्या कम हुई है जवानों की शहादत ज्यादा हुई है। नक्सलियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। रेंजर समेत पंचायत कर्मी मौत के घाट उतार दिए जाते हैं। सड़क पुल के काम बंद हैं। ऐसे समय मे किसी भी गांव के बच्चे को पुलिस द्वारा उठा कर ले जाना और नक्सली सरेंडर किया है। बाद में उसकी हत्या को आत्महत्या बताना इससे गांववाले आक्रोशित हैं। पुलिस पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
विपक्ष के विधायकों ने काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। आसंदी ने कहा- स्थगन की सूचना आज ही मिली है। इसलिए इस पर निर्णय विचाराधीन है।
बीजेपी सदस्यों ने चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।
हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।