रायपुर : राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत एनीमिया जांच शिविर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होने के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी शुरु किये जा रहे हैं । इसके लिए आज से 30 सितम्बर तक रायपुर और बिरगांव नगर निगम आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर शिविर लगाए जा रहे हैं। शिविर में 15 वर्ष से 49 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं और महिलाओं की जांच की जायेगी। राजधानी में नगर निगम क्षेत्रों में रायपुर जिले की आधी आबादी निवास करती है। पोषण पखवाड़ा के तहत स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर एनीमिया शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
अभियान को लेकर मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ केआर सोनवानी ने बताया, दूसरे चरण की एनिमिया जांच शिविर 23 सितंबर से 30 सितंबर तक आयोजित किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से महिलाओं में एनिमिया जांच कर कुपोषण मुक्ति के लिए 6 सितंबर से 15 सितंबर तक जिले के चारों विकासखंडों के 408 ग्राम पंचायतों में 10 दिवसीय शिविर लगाया गया ।
प्रथम चरण में ग्रामीणक्षेत्रों के एनिमिया जांच शिविर में लगभग 51000 महिला हितग्राहियों (15 से 49 उम्र) का रक्त की जांच की गयी थी । जांच में 21000 महिलाओं में हिमोग्लोबिन की मात्रा 11 ग्राम से कम पायी गई। यानी ग्रामीण क्षेत्रों में 41 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। जिले में लगभग 4 लाख महिलाओं की आबादी हैं जिनकी उम्र 15 से 49 आयु वर्ग की हैं। इसी उम्र में गर्भवती महिलाओं की संख्या लगभग 25000 है जबकि 14000 महिलाएं धात्री हैं जिनके बच्चे की उम्र 6 माह से कम की है। राज्य सरकार ने महिलाओं में होने वाले रक्त अल्पता को लेकर एनिमिया मुक्ति के लिए पुरक पोषण आहार योजना शुरु करने जा रही है ताकि किशोरी बालिकाओं से लेकर गर्भावस्था से मां बनने तक महिलाओं में होने वाली खून की कमी को दूर कर स्वस्थ्य और सेहतमंद बनाया जा सके। इससे नवजात शिशुओं के मानसिक और शाररिक विकास में कुपोषण बाधा न बन सके। स्वस्थ्य माता से ही स्वस्थ्य और सेहतमंद शिशु होने से भविष्य में होने वाले रोगों से मुक्ति मिल सकेगी। साथ खून की कमी से होने वाले मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।
छत्तीसगढ सरकार आगामी 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के अवसर पर कुपोषण और एनिमिया मुक्त राज्य बनाने ग्रामपंचायत से लेकर शहरी क्षेत्रों में भी जरुरत मंदों तक गरम भोजन उपलब्ध कराने की योजना शुरु करने जा रही है। इसके लिए एनिमिया जांच शिविर आयोजित कर पंचायत और वार्डवार आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर आंकड़े जुटाकर हितग्राहियों को सीधे लाभ पहुंचाने की तैयारी शासन स्तर पर किया जा रहा है।