क्या हेल्थ वॉलिंटियर्स के बहाने सियासी फायदा लेना चाह रही है छत्तीसगढ़ BJP?

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना (Corona) के बहाने बीजेपी (BJP) गांव और घरों तक अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुट गयी है. प्रदेश में 40 हजार हेल्थ वॉलिंटियर्स तैयार किये जा रहे हैं, जो कोरोना की तीसरी लहर के दौरान सीधे जनता से मुखातिब होंगे, लेकिन अब कांग्रेस ने बीजेपी की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं. वॉलिंटयर्स को प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षण प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी की मौजूदगी में दिया जा चुका है और अब जिला और ब्लॉक स्तर पर हेल्थ वॉलिंटियर्स तैयार किये जा रहे हैं. बीजेपी नेता विमल चोपड़ा ने बताया कि 20 हजार गांवों में हर गांव में दो वॉलिंटियर्स तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है और केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर इस महीने तक हेल्थ वॉलिंटियर्स तैयार करने में बीजेपी जुटी हुई है.

बीजेपी के इस कोविड मिशन में हेल्थ वॉलिंटियर्स की भूमिका पर ही कांग्रेस सवाल खड़ा कर रही है. सत्तारूढ़ दल का आरोप है कि पहली और दूसरी लहर के समय बीजेपी कहां थी. पीसीसी संचाल प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि प्रदेश के लोगों को वैक्सीन या अन्य कोई मदद देने की बजाए बीमारी को केवल राजनीतिक मोहरा बना रही है.

कोरोना की लहर के दौरान कहां थी कांग्रेस
अभियान पर कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने पर डी पुरंदेश्वरी ने कहा -हम कांग्रेस पार्टी से पूछ रहे हैं कि- वह कहां थे जब पहली और दूसरी लहर आयी. भारतीय जनता पार्टी जमीन पर दिख रही थी. सूखा राशन, पके हुए भोजन और जूते तक बांटे गये. अब हम सवाल पूछना चाहते हैं और अब जवाब उनको देना होगा. बहरहाल हेल्थ वॉलिंटियर्स तैयार कर आने वाले दिनों में बीजेपी की जनता की मदद के लिए जमीनी स्तर पर उतरने का दावा कर रही है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के किसी भी कदम पर सियासत जरुर होती है. अब कांग्रेस के आरोपों में कितनी सच्चाई है और हेल्थ वॉलिटिंयर्स बनाकर बीजेपी को वाकई कितना सियासी फायदा होगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा.

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