रायपुर : राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के तहत 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक छत्तीरसगढ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में रक्तदान के प्रति लोगों को जागरुक करने विविध कार्यक्रमों को आयोजन किया जाएगा। वहीं पहले दिन सभी जिलों के ब्लड बैंकों में 204 यूनिट रक्त दान प्राप्त हुए। इसकी कड़ी में राज्य एड़स नियंत्रण समिति के 8 कर्मचारियों ने डॉ अंबेडकर अस्पताल स्थित आदर्श ब्लगड बैंक में स्वैच्छिक रुप से रक्तदान किया। लोगों में जागरुकता लाने 1 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस को सफल बनाने रक्तदान महादान- जीवनदान- एक बार रक्तदान करके देखो जैसे अभियान चलाया जा रहा है। राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. एस.के. बिंझवार ने बताया रक्तादाताओं से अपील किया जा रहा है कि रक्तदान केवल लाइसेंसीकृत ब्लड बैंकों से ही लें व दें। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में 27 शासकीय ब्लड बैंक और निजी ब्लड बैंक 58 लाइसेंसीकृत हैं। डॉ. बिंझवार ने बताया प्रदेश के सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि स्वैच्छिक रक्त दान को बढ़ावा देने के लिए स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रक्तदान के महत्तव की जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि रक्त लेने वे देने में सावधानी रखना बेहद जरुरी है नहीं तो संक्रमित रक्त से एड्स जैसे रोग होने का खतरा रहता है। अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ बिंझवार ने बताया, प्रदेश में गत वर्ष 2018-19 के दौरान 2.15 लाख यूनिट ब्लड बैंकों को सालभर में रक्त्दान से प्राप्त हुआ। रक्तदान किसी भी प्रदेश और जिले के आबादी के अनुपात में एक प्रतिशत होना चाहिए। छत्तीैसगढ राज्य की आबादी 2.60 करोड़ है तो इस अनुपात से 2.60 लाख यूनिट रक्त दान की जरुर है। उन्होंने बताया कि रक्तदान के बाद ब्लड बैंक में 35 दिनों तक ही निर्धारित तापमान में ब्लड सुरक्षित रहता है। एक रक्तदाता व्यक्ति से एक शरीर में 5 लीटर रक्त होता है, एक समय में एक यूनिट के रुप में 350 मि.ली. ही निकाला जा सकता है। औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के अनुसार रक्त दाताओं के लिए विभिन्न मानदंड हैं। रक्तदाता की उम्र 18-60 के बीच में होनी चाहिये, वजन 45 किग्रा से अधिक, नाड़ी दर रेंज 60 से 100/मिनट, बी.पी. सामान्य, एचबी 12.5gm/100 एमएल और शरीर का तापमान 37.5 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक नहीं होना चाहिये।
अतिरिक्त परियोजना संचालक .डॉ. एस.के. बिंझवार ने बताया , प्रदेश में सभी लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा। रक्तदान दिवस का उदेश्य सफलतापूर्वक जरूरतमंद रोगियों की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान के लक्ष्य को प्राप्त करना। किसी भी तत्काल और गंभीर आवश्यकता के लिए ब्लड बैंक में रक्त का संग्रह करके रखना। बहुत सारे धन्यवाद के माध्यम से रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करना और उनके आत्मसम्मान को महत्व देना। उन लोगों को रक्त देने के लिये प्रेरित और प्रोत्साहित करना जो स्वस्थ्य होने के बाद भी रक्तदान में रुचि नहीं ले रहे हैं। उन लोगों को स्वेच्छा से रक्त दान करने के लिये प्रोत्साहित करना जो केवल अपने मित्रों और रिश्तेदारों को रक्त दान करते हैं। जरूरतमंद व्यक्ति को रक्तदान या उसके घटकों का दान आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में मानवता का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। स्वैच्छिक रक्तदान ही किसी भी मनुष्य के लिये वास्तविक मानवता है क्योंकि ये बहुत से जीवन को बचा सकती है।