दिल्ली. छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन (Chhattisgarh Congress Crisis) होगा या नहीं, इसका फैसला अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) करेंगी. राहुल गांधी ने राज्य के सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel), मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदार टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) और राज्य प्रभारी पीएल पुनिया के साथ 3 घंटे बैठक की. गौरतलब है कि सिंहदेव खेमा यह दावा करता है कि राज्य में सरकार गठन के समय उनसे ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था. हालांकि बैठक के बाद सभी नेताओं ने नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा से इनकार किया. चर्चा जोरों पर है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. मौजूदा मुख्यमंत्री के ढाई साल पूरे होते ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है.
ये चर्चा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खेमे की तरफ से सीएम की कुर्सी पर दावे के बाद शुरू हुई. सिंहदेव खेमा ये दावा करता है कि ढाई साल बाद उनको सीएम बनाने का वादा अलाकमान ने किया था. हालांकि, अब तक किसी गुट ने या कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है. इस मसले को सुलझाने के लिए मंगलवार को राहुल गांधी ने भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और पीएल पुनिया के साथ लगभग 3 घंटे मंथन किया लेकिन किसी फैसले की घोषणा नहीं हुई. बैठक के बाद सभी नेताओं ने छत्तीसगढ़ पर चर्चा की बात कही.
नेताओं का दावा: नेतृत्व परिवर्तन पर नहीं हुई कोई बात
बैठक के बाद राज्य प्रभारी पीएल पुनिया, सीएम भुपेश बघेल और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, सभी ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हुई बल्कि चर्चा का केंद्र छत्तीसगढ़ था. सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद पार्टी ने कई विकल्पों पर चर्चा शुरू कर दी है. फैसला सोनिया गांधी लेंगी.
माना जा रहा कि छत्तीसगढ़ के विवाद को सुलझाने के लिए पार्टी बड़ा फैसला ले सकता है. हो सकता है कि भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बने रहने दिया जाए और टीएस सिंहदेव को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष या फिर केंद्र में बड़ी भूमिका दी जाए या उनको कुछ और महीने की यथास्थिति के लिए मना लिया जाए. भूपेश बघेल को हटाकर सिंहदेव को सीएम बनाया जाए और बघेल को केंद्र में लाया जाए. और अगर झगड़ा न निपटे तो दोनों की बजाए राहुल के विश्वासपात्र ताम्रध्वज साहू को राज्य की कमान दे दी जाए यानि उनको सीएम बना दिया जाए. पंजाब, राजस्थान संकट अभी हल भी नहीं हुआ कि छत्तीसगढ़ में बवाल शुरू हो गया है. ज़ाहिर है कांग्रेस नेतृत्व के सामने चुनौतियों का पहाड़ है.