डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती आज, पढ़िए उनके 5 प्रेरणादायक विचार

नई दिल्ली: 5 सितंबर 1888 को उत्तर-पश्चिम में स्थित एक छोटे से कस्बे तिरूतनी में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के चालीस वर्ष अध्यापन को दिए। वर्ष 1962 में पहली बार पांच सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में मनाया गया था, तभी से आज तक लगातार हम इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाते आ रहे हैं। आज इस महान शख्सियत की जयंती पर आइए जानते हैं उनके 5 अनमोल विचार:-

1. भगवान हम में से हर एक में रहता है, महसूस करता है और पीड़ित होता है और समय के साथ हम में से प्रत्येक में उसकी विशेषताओं, ज्ञान, सौंदर्य और प्रेम का पता चलेगा।

2. यदि मानव दानव बन जाता है तो ये उसकी हार है, यदि मानव महामानव बन जाता है तो ये उसका चमत्कार है। यदि मनुष्य मानव बन जाता है तो ये उसके जीत है।

3. अपने पड़ोसी से खुद की तरह प्रेम करो क्योंकि तुम खुद अपने पड़ोसी हो। यह तुम्हारा भ्रम है जो तुम्हें ये सोचने पर विवश करता है कि तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारे अलावा कोई और हैं।

4. जिस प्रकार आत्मा किसी व्यक्ति की सचेतन शक्तियों के पीछे की वास्तविकता है, उसी प्रकार परमात्मा इस ब्रह्माण्ड की समस्त गतिविधियों के पीछे का अनंत आधार है।

5. केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी, आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है।

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