प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मतलब ‘International Charity Day’ मनाया जाता है। इस दिन देश में शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है। इसे सबसे प्रथम बार हंगरी में मनाया गया था। तत्पश्चात, संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2012 में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाने का ऐलान किया। उस वक़्त से प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाया जाता है। इसका लक्ष्य जरूरतमंदों की मदद करना है। इसके लिए दान दिया जाता है। भारत में दान की प्रथा प्राचीन काल से है।
अंतरराष्ट्रीय दान दिवस का इतिहास:-
भारत में प्राचीन वक़्त से दान देने तथा लेने की परम्परा है। वैदिक काल में ब्राह्मण भिक्षा याचन करते थे। जबकि व्यक्ति उन्हें दान देकर कृतार्थ होते थे। जबकि गुरुकुल में भी शिक्षा हेतु दक्षिणा देने की परम्परा है। ऐसा माना जाता है कि मनुष्य जीवन में सबसे बड़ी सेवा परोपकार तथा दान है। इस मद्देनजर हंगरी में 2011 में संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसमें दान एकत्रित करने का उल्लेख था। इस विधेयक को सर्वसम्मिति से पास कर दिया गया।
वही इसके लिए एक चैरिटी का आयोजन किया गया। इस चैरिटी में व्यक्तियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा दिल से अपनी क्षमता के हिसाब से दान किया। यह आयोजन पूर्ण रूप से कामयाब रहा। इस कामयाबी पर संज्ञान लेते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 2012 में 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाने का ऐलान किया। इसके पश्चात् से विश्वभर में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाया जाता है।