पेट्रोल-डीजल सस्ता होने की उम्मीदों पर फिर सकता है पानी, जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध करेंगे ये राज्य

केरल ने कहा है कि वह पेट्रोल और डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करेगा, क्योंकि इससे राज्य के राजस्व संग्रह पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।  राज्य ने कहा कि इसके बजाए केंद्र को आम लोगों को राहत देने के लिये ईंधन पर केंद्रीय करों को कम करना चाहिए। इस बीच आज पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार 12वें दिन भी कोई बदलाव नहीं किया है। दिल्ली में आज इंडियन ऑयल के पंप पर पेट्रोल 101.19 रुपये प्रति लीटर औैर डीजल 88.62 रुपये प्रति लीटर पर रहा। बता दें सरकार पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो देश भर में पेट्रोल के भाव 75 रुपये और डीजल के भाव 68 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है।

पुरजोर विरोध करेगा केरल

पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वैट (मूल्य वर्धित कर) आधे के करीब योगदान है। ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने से राज्यों के राजस्व संग्रह पर असर पड़ेगा। केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर कोई कदम उठाया जाता है, राज्य उसका पुरजोर विरोध करेगा।

उन्होंने कहा कि ईंधन के दाम में तेजी का कारण केंद्र की तरफ से उपकर में वृद्धि है। अगर केंद्र इस उपकर को कम कर दे, इससे पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे लाने में मदद मिलेगी।   बालागोपाल ने कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, राज्य को सालाना 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। जीएसटी परिषद की आज लखनऊ में बैठक होने वाली है।

देखें देश के प्रमुख शहरों में आज किस भाव पर बिक रहा पेट्रोल और डीजल…

शहर का नाम पेट्रोल रुपये/लीटर डीजल रुपये/लीटर
श्रीगंगानगर 113.07 102.31
इंदौर 109.67 97.49
भोपाल 109.63 97.43
जयपुर 108.13 97.76
मुंबई 107.26 96.19
पुणे 106.82 94.3
बेंगलुरु 104.7 94.04
पटना 103.79 94.55
कोलकाता 101.62 91.71
दिल्ली 101.19 88.62
चेन्नई 98.96 93.26
नोएडा 98.52 89.21
लखनऊ 98.3 89.02
आगरा 98.06 88.77
चंडीगढ़ 97.4 88.35
रांची 96.21 93.57

स्रोत: IOC

महाराष्ट्र सरकार कर लगाने के राज्य के अधिकारों में किसी तरह के अतिक्रमण के खिलाफ

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार कर लगाने के राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण करने की दिशा में उठाये जाने वाले किसी भी कदम के खिलाफ है और शुक्रवार को माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद की बैठक में अपना यह विचार रखेगी। वह जीएसटी परिषद की शुक्रवार को लखनऊ में होने वाली बैठक में पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने पर विचार किए जाने से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। इसके लिये केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों को इन उत्पादों पर लगने वाले कर से मिलने वाले राजस्व के मामले में बड़ा समझौता करना होगा।

महाराष्ट्र के वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे पवार ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र कर लगाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन जो राज्य के अधिकार क्षेत्र में है, उसमें अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।   उन्होंने कहा, ”अगर ऐसा करने का कोई कदम होता है, तो राज्य सरकार जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक में अपना विचार रखेगी।

पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को ‘एक राष्ट्र एक कर के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू करते समय संसद में किए गए सभी वादों का पालन करना चाहिए।   उन्होंने कहा, ”हमें जीएसटी रिफंड के अपने हिस्से के 30,000 से 32,000 करोड़ रुपये रुपये अभी तक नहीं मिले हैं। एक्साइज और स्टांप शुल्क के अलावा, राज्य सरकार के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत जीएसटी है। इस सप्ताह की शुरुआत में नीति आयोग के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान महाराष्ट्रीय सरकार ने वित्तीय मोर्चे पर राज्य की स्थिति को रखा था।

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