रायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार पर काले बादल मंडराते नजर आ रहे है. पंजाब के अलावा सभी की निगाहें छत्तीसगढ़ पर आ टिकी है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में अंदरूनी कलह अभी तक जारी है. जिसके चलते सरकार पर संकट बना हुआ है. साथ ही यहां पर मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भी लड़ाई चल रही है. इसी बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस के 36 विधायकों का साथ मिला है. जो सीएम भूपेश के समर्थन में एक साथ इस्तीफा देने का संकल्प लिया है. वहीं छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव आमने-सामने हैं.
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूपेश बघेल के समर्थन में आए सभही विधायक जल्द रायपुर पहुंच सकते है. साथ ही यह भी पता चला है कि सभी विधायकों ने काका आप संघर्ष करो, 36 विधायकों का इस्तीफा आपके साथ है का नारा दिया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में उठे उथल-पुथल का खंडन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने किया. उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी में कोई उठल-पुथल है ऐसा नहीं लगता है. सरकार और पार्टी तालमेल के साथ काम कर रही है. हाईकमान हमें जो.कहेगा हम उसका पालन करेंगे.
बता दें कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में चल रही यह अंदरूनी कलह रोटेशनल मुख्यमंत्री के फॉर्मूले के चलते हो रहा है. दरअसल जब 2018 में छत्तीसगढ़ की सरकार बनी थी तब मुख्यमंत्री पद के लिए चार दावेदार का नाम सामने आया था. जिसमें टीएस सिंह देव का नाम काफी आगे था. वहीं भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत का नाम भी रेस में था, लेकिन मुख्यमंत्री बने तो भूपेश बघेल. वहीं अब सीएम भूपेश के ढाई साल पूरे होने पर टीएस सिंहदेव के समर्थक मुख्यमंत्री बदलने पर जोर दे रहे है.