बड़ा दावा- सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि की लिखावट नहीं, महामंडलेश्वर का हत्या की ओर इशारा

प्रयागराज: निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज ने बड़ा दावा किया है. आचार्य महामंडलेश्वर ने दावा किया कि पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि का जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें महंत की लिखावट नहीं है. दिवंगत महंत के सबसे करीबी माने जाने वाले संतों में से एक कैलाशानंद जी महाराज ने कहा, “मैं इस सुसाइड नोट को सुसाइड नोट नहीं मानता क्योंकि इसमें नरेंद्र गिरि जी की लिखावट नहीं है. मैं उन्हें 20 साल से जानता हूं, नरेंद्र गिरि जी लिखते नहीं थे.”

उन्होंने दावा किया, “निःसंदेह नरेंद्र गिरि जी महाराज कभी पत्र नहीं लिखते थे. यदि उनका लिखा हुआ किसी के पास कुछ है तो वह दिखाए. मुझसे अधिक उन्हें कोई नहीं जानता. मैं 2003 से उनसे और इस मठ से जुड़ा हुआ था. हर परिस्थिति में मैंने उनका साथ दिया. वह हस्ताक्षर भी बहुत मुश्किल से करते थे.”

कैलाशानंद महाराज ने कहा, “उनके हस्ताक्षर में नाम के सारे शब्द अलग होते थे. वहीं जो सुसाइड नोट सामने आया है, उसमें बड़े टेक्निकल शब्द लिखे हुए हैं. कई ऐसे शब्द हैं जैसे आद्या तिवारी. ऐसा लग रहा है किसी विद्वान व्यक्ति ने यह लिखा है.” गौरतलब है कि प्रत्येक अखाड़े में एक से अधिक महामंडलेश्वर होते हैं, जिनमें आचार्य महामंडलेश्वर का पद सर्वोच्च होता है और अखाड़ा के पदाधिकारी आचार्य महामंडलेश्वर से विधिक सलाह लेते हैं. महंत नरेंद्र गिरि, निरंजनी अखाड़ा के सचिव थे और इस कारण निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज का दावा, महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु को लेकर महत्वपूर्ण है.

उल्लेखनीय है कि महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को अपने मठ में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद उन्हें भू समाधि दी गई. मंगलवार को सोशल मीडिया पर उपलब्ध कथित सात पेज के सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि की मौत के लिए तीन लोगों- आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को जिम्मेदार ठहराया गया है. साथ ही इसमें बलवीर गिरि को महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी घोषित किया है. इस सुसाइड नोट को आधिकारिक तौर पर किसी ने सत्यापित नहीं किया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *